एक्टर, क्रिकेटर के स्थान पर भगवान का फोटो घरो में लगाओं, आपका दिन आनंद में गुजरेगा,

एक्टर, क्रिकेटर के स्थान पर भगवान का फोटो घरो में लगाओं, आपका दिन आनंद में गुजरेगा,

एक्टर, क्रिकेटर के स्थान पर भगवान का फोटो घरो में लगाओं, आपका दिन आनंद में गुजरेगा, आपकी बुद्धि सकारात्मक रहेगी – कृष्णप्रिया जी  
श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस 21 कन्याओं के निःशुल्क विवाह समारोह में माताजी पूजन, मंडप, मेहंदी एवं माताजी पूजन कार्यक्रम धूमधाम से मनाया ।


उन्हेल I श्रीमद्भागवत कथा समिति द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सुप्रसिद्ध कथा वाचक वृन्दावनवासी पूज्य देवी कृष्णप्रियाजी महाराज के मुखारबिंद से स्थानीय नया बसस्टेंड स्थित मैदान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस का विशेष आकर्षण नन्द महोत्सव, श्रीकृष्ण बाललीला, एवं गोवर्धन पूजन रहा देवीजी ने माह के पावन मास में जी की दिव्यमयी वाणी में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस का शुभारंभ अत्यंत मधुर "राधे कृष्ण संकीर्तन"  के साथ किया गया जिससे सम्पूर्ण प्रांगण राधामयी हो उठा । भगवत कथा के समय स्वयं श्रीकृष्ण आपसे मिलने आते हैं। जो भी इस भागवत के तट पर आकर विराजमान हो जाता है, भागवत उसका सदैव कल्याण करती है।


कथा पांडाल जब भाव विभौर हो गया जब व्यास पीठ से पूज्य दीदी जी ने गत वर्ष 22 अगस्त को हुई भीषण सड़क दुर्घटना ने नगर के चार नन्हे मुन्ने बालक बालिकाए इनाया रमेश नंदेडा, आदित्य सतीश जैन, सुमित सुरेश मदारिया और उमा ईश्वर वाक्तलिया को सामूहिक रूप से श्रद्धांजलि अर्पित की और सामूहिक रूप से कामना की गई की ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दे l


आगे कथा में कृष्ण जी की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण का रंग बारिश वाले मेघों के समान हैं। उनकी मुस्कान हजारों कामदेवों को हराने वाली हैं। जो कोई उनके बालरूप का दर्शन करता है उन्हें अपना ही भान नहीं रहता। जब भगवान जीवन मे आते हैं तो आनंद ही हो जाता है प्रभु स्वयं सच्चिदानंद हैं ।भगवान की प्रत्येक लीलाओं का आध्यात्मिक दृष्टि कोंण भी है। माखन चोरी लीला के माध्यम से प्रभु चित्त को चुराते हैं। चीर हरण लीला यानि जब हम भगवान की भक्ति करते हैं तो भगवान हमारे अवगुणों को हर लेते हैं। कथा में पूतना वध की कथा का वृतांत बताते हुए कहा कि हम सभी पूतना के समान ही हैं जो बाहर से तो आडम्बरी अच्छा वेष धारण करतीं हैं लेकिन मन मे छल ,कपट ईर्ष्या भरी पड़ी है। इसलिये जो हैं वही बनकर हरि के समक्ष जाएं वे आपके सभी दुगुणों और कष्टों को हर लेंगें । भगवान की माया अत्यंत प्रबल है इसने बड़े से बड़े संतो, देवताओं की मति हर ली है। तो हमारा इस माया बन्धन से बचना बिल्कुल भी आसान नहीं है। लेकिन अगर हम हर समय प्रभु को भजते हैं और एक सेवक की भांति ही माया उपभोग करते हुए श्रीहरि को ही हर चीज का क्रेंद् मानते हैं तो हम माया के बन्धनों से मुक्त हो सकते हैं। जिस प्रकार एक कच्चा नारियल आवरण से चिपका रहता है और आवरण तोड़ने पर वह भी टूट जाता है लेकिन पक्का नारियल आवरण के अंदर होते हुए को स्वयं को अलग लगता है उसी प्रकार हमे भी संसार मे पक्के नारियल की तरह रहकर ही स्वयम को माया, दुर्गुणों से दूर रखना चाहिए। इंसान को चिंता नहीं बल्कि चिंतन करना चाहिए । देवी जी ने बताया कि जीवन में किसी न किसी का भय होना अत्यंत जरूरी है क्योंकि भय के कारण हम गलत कार्यों से बच जाते हैं। रावण और कंस अत्यंत बलवान थे लेकिन जीवन में किसी का भय नहीं था जिसके कारण उनकी ये दुर्गति हुई । 


भोजन का महत्त्व बताते हुवे दीदी जी ने बताया की भोजन का जुड़ाव सीधा मन से होता है; पढने वाले बच्चो को भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए उन्हें जंक फ़ूड, पेस्टी, पिज़्ज़ा और चाइनिस भोजन का त्याग करना चाहिए I तामसी भोजन करने से दिमाग गर्म रहता है लड़ाई झगडे के लिए मन करता है, ये इंसान मन को शांत करना चाहता है तो अल्प और सात्विक आहार लेना चाहिए,  इंसान किसी भी व्यक्ति से महत्वपूर्ण बात करने के लिए हमेशा भोजन पर आमंत्रित करता है I हल का मतलब समाधान होता है और बलराम जी हलधर है संसार में आये प्रत्येक मनुष्य के जीवन में कठिनाई और अपार समस्या और दुखो से भरा है परन्तु हर समस्या का हल प्रथम श्रीमद्भागवत कथा और उन्हें आपको श्रवण कराने वाले गुरु (कथावाचक) के पास हर समस्या का हल मिल जाता है उसी तरह बलराम जी भी गुरु के भाति व्यवहार करते है I क्रोध आना चाहिए परन्तु हितकारी के लिए क्रोध आवशयक बताया गया है क्रोध नहीं आएगा तो निश्चित ही बदलाव नहीं आएगा क्रोध अच्छे कार्य के लिए आवश्यक है I 
दीदी जी ने कथा समिति के प्रत्येक सदस्य के प्रति बड़े ही भाव विभौर शब्दों में धन्यवाद किया और कहा की निःस्वार्थ भाव से समिति के सदस्य यह वृहत स्वरूप में पावन पुनीत कार्य कर रहे है ऐसी शिक्षा अगर सम्पुर्व भारतवर्ष में हर नगरवासियों को लेना चाहिए, कथा के माध्यम से ज्ञान की गंगा, और सनातन धर्म के प्रचार के साथ निर्धन परिवार को जोड़ने का कार्य अपने आप में बहुत बड़ा पूण्य का कार्य है l  
समिति द्वारा नगर एवं क्षेत्र की निर्धन कन्याओं के निःशुल्क विवाह समारोह में इस वर्ष इक्कीस कन्याओं के निःशुल्क विवाह समारोह सोमवार को माताजी के कार्यक्रम से प्रारम्भ हुवा l सोमवार को कथा विश्राम के पश्चात सांयकाल में मंडप, मेहंदी तथा रात्रिकालीन समय में महिला संगीत का कार्यक्रम का आयोजन पांडाल में कथा समिति द्वारा किया गया कथा प्रांगण में 21 मंडप बनाये गए अथिति सत्कार एवं विवाह समिति प्रभारी अश्विन मारू ने बताया की कन्यादान में आमजनमानस द्वारा बढ़ चढ़ कर दान दिया जा रहा है कन्याओं के धर्म के माता पिता के बनने का सिलसिला जारी है I गुरूवार को कथा में ठाकुरजी को छप्पनभोग लगाया जिसका लाभ सत्यनारायण शिवनारायण मेहता गोंटू, बंटू पोरवाल, ईश्वर रामनिवास मेहता परिवार ने लिया, मंगलवार को केवटप्रसंग मंगलयात्रा के साथ नगर एवं क्षेत्र की 21 कन्याओं का निःशुल्क विवाह समारोह का आयोजन में बारात आगमन के साथ मंगल फेरे तथा कन्याओं का विवाह कथा पांडाल में संपन्न होगा l 
मंगलवार को रुक्मणी विवाह के लाभार्थी पाटीदार परिवार कोद जिला धार है l कथा में श्रीकृष्णजी की बारात का लाभ श्री जितेन्द्र सिंह जी राजपूत ठी. मात्रा तथा श्री शेलेन्द्र सिंह जी देवड़ा ठी. अरोलिया देवड़ा ने लिया है व्यास पीठ की आरती का लाभ नगरपरिषद अध्यक्ष शांतिलाल हलकारा, के साथ पार्षदगण द्वारिकाधीश सोनी, मयूर जैन, अनिल पटेल, गोविन्द नंदेडा, कनु शाह, नासिर शाह, ढोढरिया, योगेश यति, राजकुमार जैन, नागेश माली, चंदर चौहान, कार्तिक चौक महिला मंडल, कालका माता महिला मंडल, बेंक ऑफ़ इण्डिया परिवार, पंच धाकड़ समाज, पोरवाल समाज ने लिया