कार्तिक शुक्ल की चतुर्दशी यानी बैकुंठ चतुर्दशी की रात को महाकाल की हरि हर मिलन सवारी निकलेगी

कार्तिक शुक्ल की चतुर्दशी यानी बैकुंठ चतुर्दशी की रात को महाकाल की हरि हर मिलन सवारी निकलेगी

उज्जैन। 25 नवंबर को कार्तिक शुक्ल की चतुर्दशी यानी बैकुंठ चतुर्दशी की रात को महाकाल की हरि हर मिलन सवारी निकलेगी। इस दौरान यदि भीड़ के बीच किसी व्यक्ति ने राकेट या हिंगोट अथवा पटाखे छोड़े तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी।

मंगलवार को एएसपी जयंतसिंह राठौर ने महाकाल घाटी, पटनी बाजार, गुदरी बाजार व गोपाल मंदिर क्षेत्र के व्यापारियों की बैठक ली। एएसपी राठौर ने कहा कि सवारी वाले दिन पुलिस के जवान रात 8 बजे से महाकाल से गोपाल मंदिर क्षेत्र के प्रमुख भवनों की छत पर व गलियों में तैनात रहेंगे।

इस दौरान भीड़ में बेतरतीब आतिशबाजी करने वाले असामाजिक तत्वों पर नजर रखेंगे। खासतौर पर हिंगोट, राकेट, रस्सी बम फेंकने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। सवारी मार्ग पर डोम व सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जाएगी। सवारी की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।

बैठक में व्यापारियों ने भी अधिकारियों को सवारी में नागरिकों की सुरक्षा एवं दर्शन व्यवस्था करने संबंधी सुझाव दिए। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि लोग ऐसे पटाखे न जलाएं, जिससे जनता को किसी तरह का नुकसान हो।

वर्ष में एक बार होता है हरि-हर मिलन

भगवान महाकाल वर्ष में केवल एक बार बैकुंठ चतुर्दशी की रात को हरि यानी भगवान विष्णु से मिलने जाते हैं। इसे हरि हर मिलन कहते हैं। रात 11 बजे सवारी महाकाल मंदिर से गोपाल मंदिर जाती है। जहां भगवान महाकाल सृष्टि का भारी हरि यानी भगवान विष्णु को सौंपते हैं। अभिषेक-पूजन के बाद रात 2 बजे भगवान महाकाल की सवारी पुन: गोपाल मंदिर से महाकाल मंदिर लौटती है।