बिछड़ोद खालसा में दबंग ने 200 वर्ष पुराने राष्ट्रीय बरगद के वृक्ष को काट दिया,पटवारी बने हुए अनजान।

बिछड़ोद खालसा में दबंग ने 200 वर्ष पुराने राष्ट्रीय बरगद के वृक्ष को काट दिया,पटवारी बने हुए अनजान।
बिछड़ोद खालसा में दबंग ने 200 वर्ष पुराने राष्ट्रीय बरगद के वृक्ष को काट दिया,पटवारी बने हुए अनजान।

बिछड़ोद खालसा में दबंग ने 200 वर्ष पुराने राष्ट्रीय बरगद के वृक्ष को काट दिया,पटवारी बने हुए अनजान।

घट्टिया। मध्यप्रदेश शासन वन संरक्षण को लेकर कितने ही दावे कर ले लेकिन मैदानी अमले की अनदेखी के कारण बेखौफ माफिया पेड़ों को काट रहे हैं , हाल ही में मध्य प्रदेश शासन मप्र को हरा भरा बंनाने के लिए बड़े स्तर पर पौधारोपण कर रही है लगभग 75 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर सरकार चल रही है लेकिन घट्टिया तहसील के ग्राम बिछड़ोद खालसा में लालची दबंग ने कावलीखेड़ा पहुंच मार्ग पर शासकीय भूमि पर स्थित प्राचीन राष्ट्रीय वृक्ष बरगद के पेड़ को चंद्र रुपयों के लालच में काट दिया, यह वृक्ष लगभग 200 साल पुराना था इस मार्ग से गुजरने वाले राहगीर इस वृक्ष के नीचे छांव में बैठकर अपनी थकान उतारते थे , इस वृक्ष को काटने से ग्रामीणो में काफी आक्रोश देखा गया। हल्का पटवारी किशोर मालवीय इस पूरे मामले से अनजान बने हुए ,जबकि पटवारी की जिम्मेदारी है कि वह पंचनामा बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को पेश करें व पेड़ काटने वाले के खिलाफ वन सरक्षंण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज करवाएं।
जब इस कटे वृक्ष के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो संजय पाटीदार नामक व्यक्ति ने अपना रौब झाड़ते हुए अपनी सफाई दी व कहा कि पेड़ मेंने काटा, बंदर परेशान करते थे जबकि पेड़ घरों से काफी दूर था अपने निजी हित के लिए पेड़ को धराशाई कर दिया, पेड़ काटने वाले व्यक्ति संजय पाटीदार का घर पेड़ के आसपास था ही नहीं, शासकीय भूमि पर पेड़ काटने से पहले संजय पाटीदार ने संबंधित हल्का पटवारी व पंचायत से कोई परमिशन ना ली व पेड़ को धराशाई कर दिया। एक समय उक्त युवक पेड़ काटने की परमिशन साहब से लेने की बात कहने लगा ,जब उससे पूछा गया की कोनसे साहब से शासकीय भूमि पर पेड़ काटने की परमिशन ली तो वह आनाकानी करने लगा ,पेड़ काटने वाले युवक के हल्का पटवारी से मधुर संबंध है शायद उन्हीं से परमिशन ली होगी, जब इस संबंध में हल्का पटवारी किशोर मालवीय से बात करना चाहे तो उन्होंने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा,इससे यही प्रतीत होता है कि उनकी इस मामले में भूमिका है।
अब देखना यह होगा कि उक्त मामले में प्रशासन क्या कार्रवाई करता है या फिर ऐसे ही पेड़ धराशाई होते रहेंगे।