पानबिहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना डॉक्टर के लिए राजनीति का अखाड़ा,जनता हो रही परेशान।

Journalist/ Mayank Gurjar ( Ghatiya City)

पानबिहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना डॉक्टर के लिए राजनीति का अखाड़ा,जनता हो रही परेशान।
पानबिहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

पानबिहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना डॉक्टर के लिए राजनीति का अखाड़ा,जनता हो रही परेशान।

स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी व महिला डॉक्टर में आपसी मतभेद।

घट्टिया/मयंक गुर्जर  |  उज्जैन। मप्र शासन द्वारा चिकित्सा व्यवस्था सुधार के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा, कई योजना भी सरकार चला रही है ।लेकिन धरातल पर योजना का लाभ गरीबो को नही मिल रहा जिम्मेदार अपनी मनमर्जी कर रहे । 
ऐसा ही एक मामला उज्जैन जिले की घट्टिया तहसील के पानबिहार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चल रहा है,यह शासन ने स्टॉफ भी स्वीकृत कर रखा है लेकिन अंतिम व्यक्ति के आदमी को शासन के द्वारा की जा रही स्वास्थ्य व्यवस्था व योजना का लाभ नही मिल पा रहा है । पानबिहार में संस्था प्रभारी डॉ जितेंद्र जाट व यह पदस्थ महिला ओपीडी आयुष चिकित्सक डॉ नीलू मालवीय का तालमेल नही बैठ पा रहा है जिसकी चर्चा दबी जुबान से विभाग में चल रही  है। विश्वसनीय सूत्रों का मानना है कि ड्यूटी को लेकर यहां मामला चल रहा है क्योंकि यहां के डॉक्टर एक भी समय पर ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहते, कोई लेट आता है या कोई जल्दी चले जाता है जिससे यह स्थित निर्मित हो रही है। यह कुल तीन डॉक्टर पदस्थ है  दो एमबीबीएस डॉ जितेंद्र जाट (प्रभारी) , डॉ राहुल राठौर व एक ओपीडी आयुष चिकित्सक डॉ नीलू मालवीय, एसडीएम घट्टिया ने यह एक चिकित्सक को 24 घण्टे केंद्र पर मौजूद करने का आदेश दिया था , जिसको भी यह पदस्थ जिम्मेदार पलीता लगा रहे व अपनी मनमर्जी चला रहे है । जिसका खामियाजा क्षेत्र की 28 से 30 गांवों की जनता भुगत रही है । 

  • डॉक्टर की अपनी मनमर्जी

यहां पदस्थ तीनों डॉक्टर अपनी मनमर्जी से काम करते हैं इनका ना तो कोई आने का समय है व कोई जाने का यह सभी अपनी मर्जी के मालिक है ,जिससे इनमें आपसी मतभेद पनप रहा है तीनो डॉक्टर एक- दूसरे पर भारी है ।अपनी मर्जी के स्वयं ही है मालिक ,इन्हें इनके वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश से भी कोई लेना देना नही ।

  • राजनीतिक सरक्षंण प्राप्त होने से बेपरवाह डॉक्टर,जनता को अपनी हालात पर छोड़ा

यह पदस्थ तीनो डॉक्टर्स को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है यह कहीं ना कहीं राजनीतिक दलो के करीबियों से जुड़े है,जिससे इन्हें इनके अधिकारी का भय नही है जिससे यह नियमो को ताक पर रखकर काम करते है व उल्टा इनके अधिकारी इनसे परेशान हो गए है, हाल- फिलहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पानबिहार राजनीतिक अखाड़ा बन गया है,जनता डॉक्टर्स को भगवान मानती है लेकिन इनके आपसी मतभेद से जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है।

  • एसडीएम के आदेश को घोटकर पी गए

घट्टिया के तत्कालीन एसडीएम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घट्टिया व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पानबिहार के संस्था प्रभारियों को  दिनांक 31 जनवरी  2022 को पत्र क्रमांक 2022/127 जारी कर शासन के निर्देशानुसार एक आदेश जारी कर निर्देश दिया था कि शासन के निर्देश के तहत अस्पताल में 24 घंटे एक चिकित्सक की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए लेकिन पानबिहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इसका उल्टा हो रहा है। यह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की भी अवहेलना कर रहे हैं। क्योंकि यहां पदस्थ तीनों डॉक्टर अपनी मनमर्जी से काम करते हैं।
यह पदस्थ महिला ओपीडी आयुष चिकित्सक डॉ नीलू मालवीय को ओपीडी टाइम में उपस्थिति रहने का नियम है। लेकिन एमबीबीएस डॉ जितेंद्र जाट व डॉ राहुल राठौर दोनों में से एक को रात्रि डयूटी पर रहना जरूरी है लेकिन राजनीतिक सरक्षंण के  चलते ये अपनी मनमर्जी करते है । शाम सात बजे के बाद यह कोई भी डॉक्टर नही रहता है व ताले लटक जाते है। यह आसपास 28 से 30 गांव लगते है यदि कोई घटना -दुर्घटना हो जाती है तो सीधे उज्जैन या घट्टिया जाना पड़ता है । अब जनता को उज्जैन के तेजतर्रार कलेक्टर आशीष सिंह व एसडीएम घट्टिया राकेश शर्मा से ही आस है की पानबिहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था सुधरे व आदर्श स्वास्थ्य केंद्र बने।

  • इनका कहना


जब इस संबंध में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुज शाल्य से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि नियम के हिसाब से दो एमबीबीएस डॉक्टर पदस्थ है दोनों में से एक को तो 24 घंटे ड्यूटी पर उपस्थित रहना ही पड़ेगा व एक ओपीडी आयुष मेडिकल ऑफिसर है उनकी पोस्ट ओपीडी की है जब भी अस्पताल में ओपीडी चलेगी उस दिन डेली उनको वह उपस्थित रहना आवश्यक है। आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है सभी को नियमानुसार चेतावनी पत्र दिया जाएगा यदि फिर भी नहीं मानते हैं तो वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

जब इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पानबिहार प्रभारी डॉ जितेंद्र जाट से कॉल पर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि रात में ड्यूटी का तो मेरे पास ऐसा कोई आदेश नहीं है यदि आपके पास आदेश हो तो हमें भेजें, आदेश भेजने के बाद वापस डॉ जाट से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने फोन उठाकर ड्राइविंग करने का हवाला दिया व कहा की में 10 मिनिट बाद कॉल करता हु रात्रि 12 बजे खबर लिखे जाने तक वापस कॉल नही आया। 

व इस संबंध में डॉ राहुल राठौर से संपर्क करना चाहा तो संपर्क नहीं हो पाया तथा ओपीडी आयुष चिकित्सक नीलू मालवीय से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने कॉल उठाना भी मुनासिब नहीं समझा,व व्हाट्सएप से मैसेज कर पक्ष जानना चाहा तो कहा कि अस्पताल में आकर पक्ष जाने।

अब देखना यह होगा कि वरिष्ठ अधिकारी इस ओर ध्यान देंगे या डॉक्टरों की अपनी मनमर्जी चलती व जनता परेशान होती रहेगी।

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