शरद पूर्णिमा का पर्व तराना के मंदिरों में खीर वित्तरण कर मनाया 

शरद पूर्णिमा का पर्व तराना के मंदिरों में खीर वित्तरण कर मनाया 

शरद पूर्णिमा का पर्व तराना के मंदिरों में खीर वित्तरण कर मनाया 
नाना मंदिर

शरद पूर्णिमा का पर्व तराना के मंदिरों में खीर वित्तरण कर मनाया 

तराना-सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक शरद पूर्णिमा है. इस दिन आकाश में चंद्रमा का पूर्ण रूप दिखाई देता है. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को ध्यान में रखते हुए मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से उपन्न हुई थीं. इसलिए इस दिन धन की देवी लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूरा करती हैं.

शरद पूर्णिमा के दिन घर में खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने की परंपरा है. इसके पीछे मान्यता है कि खीर में चंद्रमा की किरणें पड़ने से ये गुणकारी हो जाती है तराना के मंदिरों  शरद पूर्णिमा के पर्व पर देर रात्रि 12 बजे तक भजन कीर्तन का आयोजन कर खीर एवं दूध की प्रसाद वित्तरण की गई