तराना नगर में रही हनुमान अष्ठमी की धूम 

तराना में जय बेरय माता उत्सव समिति ने निकाला चल समारोह 

तराना नगर में रही हनुमान अष्ठमी की धूम 
चित्र में झलकिया

तराना नगर में रही हनुमान अष्ठमी की धूम 

जय बेरय माता उत्सव समिति ने निकाला चल समारोह 

तराना-तराना नगर में हनुमान अष्ठमी का पर्व हनुमान मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया साथ ही अलसुबह हनुमान मंदिरों में बाबा का अभिषेक पूजन कर आकर्षक एवं मनमोहक श्रंगार किया गया हिंदू धर्म में हनुमानजी को सबसे बलशाली देवता माना जाता है। इनकी पूजा से सभी तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं और भय का नाश होता है। कई विशेष अवसरों पर इनकी पूजा करने का भी विधान है। हनुमान अष्टमी भी एक ऐसा ही अवसर है। हनुमान अष्टमी का पर्व पौष कृष्ण अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है 

जय बेरय माता उत्सव समिति ने निकाला चल समारोह-

तराना नगर में बेरय माता उत्सव समिति के तत्वधान में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हनुमान अष्ठमी के पावन पर्व पर विशाल भगवा यात्रा एवं चल समारोह 7नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ  निकाला गया बजरंग बली की झाकिया आकर्षण का केंद्र रही

विजय उत्सव है हनुमान अष्टमी का पर्व -

– पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण के कहने पर अहिरावण ने श्रीराम और लक्ष्मण को पाताल लोक में कैद कर लिया। अहिरावण उनकी बलि देना चाहता था, लेकिन हनुमानजी ने अपने पराक्रम से अहिरावण का वध कर दिया।
– युद्ध में विजय होने के बाद हनुमानजी ने श्रीराम व लक्ष्मण को अहिरावण की कैद से छुड़ा लिया। इस युद्ध में हनुमानजी काफी थक गए तब उन्होंने अवंतिका नगरी (वर्तमान उज्जैन) में जाकर कुछ देर आराम किया।
– उस दिन पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि थी। भगवान श्रीराम ने हनुमानजी को वरदान दिया कि इस तिथि पर जो भी भक्त तुम्हारी पूजा करेगा, उसकी सभी मनोकामना पूरी होगी और भय दूर होगा।
– भगवान श्रीराम ने हनुमानजी को ये आशीर्वाद भी दिया कि तुम्हारे इस पराक्रम को विजय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। तभी से हनुमान अष्टमी का पर्व विजय उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।