माकड़ोन में 3 दिन पहले सरदार पटेल की प्रतिमा गिराने मामले में पुलिस प्रशासन ने दोनों पक्षो का करवाया समझौता,
- माकड़ोन में 3 दिन पहले सरदार पटेल की प्रतिमा गिराने मामले में पुलिस प्रशासन ने दोनों पक्षो का करवाया समझौता,
- अंबेडकरवादी और सरदार पटेल के समर्थकों के कोई बीच प्रशासनिक भवन में हुआ समझौता,
- सरदार पटेल और डॉ अंबेडकर की अलग अलग चौराहा पर लगेगी प्रतिमा,
उज्जैन | कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा की मौजूदगी में रविवार को प्रशासनिक संकुल भवन के द्वितीय तल स्थित सभा कक्ष में एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ। दरअसल दो तीन पहले माकड़ोन में हिंदू समाज के ही दो पक्षों में विवाद हो गया था। पाटीदार समाज के लोगों ने रात्रि में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा बस स्टैंड चौराहा पर स्थापित कर दी। अगले दिन सुबह जब अंबेडकरवादी लोगों को इस बात की जानकारी लगी तो वह बड़ी संख्या में पहुंचे और प्रतिमा को गिरा दिया। इस दौरान दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ। पुलिस अधिकारी सहित कुछ लोगों को चोट भी आई। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने मोर्चा संभाला। बताया जा रहा है कि माकड़ौन में बस स्टैंड पर दोनों ही पक्ष अलग-अलग प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे थे । एक पक्ष सरदार पटेल की प्रतिमा लगाना चाहता था तो दूसरा पक्ष डॉ अंबेडकर की। घटना के बाद पुलिस ने मामले में तीन अलग-अलग fir दर्ज की। 22 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
मामले में रविवार को नया मोड़ आ गया । पुलिस प्रशासन के अथक प्रयास से दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। कोठी पैलेस स्थित प्रशासनिक भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई । जिसमें एसपी सचिन शर्मा, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार, भाजपा विधायक सतीश मालवीय सहित विवाद करने वाले दोनों पक्षों के प्रमुख लोग मौजूद रहे। यहां समझौता इस शर्त पर हुआ कि डॉ अंबेडकर और सरदार पटेल की प्रतिमाओं की स्थापना संविधान के नियम के अनुसार ही होगी। एक प्रतिमा मंडी चौराहा पर तो दूसरी प्रतिमा बस स्टैंड चौराहा पर लगाई जाएगी।