तराना तेजाजी मन्दिर में तेजादशमी पर उमड़ा भक्तो का जनसैलाब भक्तो ने चढ़ाए मन्नत के निशान

तराना सत्यवीर तेजाजी मन्दिर में रही तेजादशमी की धूम

तराना तेजाजी मन्दिर में तेजादशमी पर उमड़ा भक्तो का जनसैलाब भक्तो ने चढ़ाए मन्नत के निशान
तेजाजी का आकर्षक श्रंगार

तराना तेजाजी मन्दिर में तेजादशमी पर उमड़ा भक्तो का जनसैलाब भक्तो ने चढ़ाए मन्नत के निशान 

तराना |  प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को तेजा दशमी पर्व मनाया जाता है मान्यतानुसार नवमी की पूरी रात रातीजगा करने के बाद दूसरे दिन दशमी को जिन-जिन स्थानों पर वीर तेजाजी  के मंदिर हैं, मेला लगता है, जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु नारियल चढ़ाने एवं बाबा की प्रसादी ग्रहण करने तेजाजी मंदिर में जाते हैं।भारत के कई प्रांतों में तेजा दशमी का पर्व श्रद्धा, आस्था एवं विश्वास के प्रतीकस्वरूप मनाया जाता है। मत-मतांतर से यह पर्व मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ के तराना नगर सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्रो में तेजाजी की थानक पर मेला लगता है। बाबा की सवारी (वारा) जिसे आती है, उसके द्वारा रोगी, दुःखी, पीड़ितों का धागा खोला जाता है एवं महिलाओं की गोद भरी जाती है तेजा दशमी पर्व पर तेजाजी मंदिरों में वर्षभर से पीड़ित, सर्पदंश सहित अन्य जहरीले कीड़ों की तांती (धागा) छोड़ा जाता है। माना जाता है कि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति, पशु यह धागा सांप के काटने पर बाबा के नाम से पीड़ित स्थान पर बांध लेते हैं। इससे पीड़ित पर सांप के जहर का असर नहीं होता है वहीँ आज तेजाजी के दरबार मे अलसुबह से ही भक्तो का तांता लगा रहा |