भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियों में रहने वाली जनपद पंचायत तराना इस बार राष्ट्र ध्वज के अपमान को लेकर फिर बनी सुर्खी में

Journalist/ Arpit Bodana( Tarana city)

भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियों में रहने वाली जनपद पंचायत तराना इस बार राष्ट्र ध्वज के अपमान को लेकर फिर बनी सुर्खी में
जनपद पंचायत तराना

भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियों में रहने वाली जनपद पंचायत तराना इस बार राष्ट्र ध्वज के अपमान को लेकर फिर बनी मीडिया की सुर्खी 

तराना/ अर्पित बोड़ाना |  जनपद तराना में रिश्वतखोर सीईओ की गिरफ्तारी के बाद भी प्रशासन और सरकार का भय आज तक तराना जनपद के सीईओ पद को भयभीत नहीं कर सका। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के घर घर तिरंगा अभियान को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने जितनी सतर्कता दिखाई और प्रकार प्रसार किया उसकी जूं तक तराना जनपद पंचायत के सीईओ टांक के कानो तक नही रेंगी। शनिवार 13 अगस्त को शासन के आदेश और कलेक्टर के निर्देश का मखौल उड़ाते हुए तराना जनपद सीईओ टांक सुबह 9 बजे कार्यालय नही पहुंचे और न ही सुबह 9 बजे ध्वजारोहण हुआ। 

फटा ध्वज लगाकर खानापूर्ति कर दी

जनपद पंचायत तराना में कुछ मीडियाकर्मी ध्वजारोहण नही किए जाने की सूचना पर जब पहुंचे तो आनन फानन में कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत में बांटे गए ध्वज डंडे में पहनाकर ध्वजारोहण कार्यक्रम की खानापूर्ति कर दी। जल्दबाजी में कर्मचारियों को यह भी सुध नहीं रही की ध्वज की सिलाई ऊपर व नीचे से उधड़ी हुई है। ध्वजारोहण में पारंपरिक ध्वज का डंडा लाने तक की फुर्सत कर्मचारियों को नही थी। करीब 10.45 बजे झंडा लगाने की इस घटना की चर्चा तराना नगर में चौराहों पर चर्चा का विषय बन गई

मुख्यमंत्री के निर्देश का मखौल सीईओ ने उड़ाया

केंद्र सरकार के अभियान को लेकर मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह ने स्वयं सोशल मीडिया व प्रशासन ने आदेश जारी कर तिरंगा झंडा शासकीय कार्यालय में फहराने के निर्देश जारी किए थे। तराना जनपद पंचायत के सीईओ टांक अपने रसूख के चलते मुख्यमंत्री के निर्देश का मखौल उड़ाते नजर आए और इसलिए वह न तो स्वयं जनपद कार्यालय पहुंचे न किसी कर्मचारी को इसके लिए जिम्मेदारी दी। यही कारण रहा की पहली बार तिरंगे झंडे का अपमान जपद पंचायत परिसर में देखा गया।