कालियादेह में तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौत,ग्रामीणो ने आरोप लगाते हुए जनपद सीईओ व ग्राम पंचायत को बताया जिम्मेदार।
उज्जैन। कालियादेह में तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौत,ग्रामीणो ने आरोप लगाते हुए जनपद सीईओ व ग्राम पंचायत को बताया जिम्मेदार।
घट्टिया/उज्जैन। उज्जैन जिले की घट्टिया तहसील के ग्राम कालियादेह मे तालाब में नहाने गए दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई ,बताया जा रहा है कि निर्माणाधीन उज्जैन-गरोठ मार्ग पर भराव के लिए मिट्टी हेतु तालाब की खुदाई की जा रही थी, उक्त तालाब को ठेकेदार को 10 फीट खोदने की लिए अनुमति दी गई थी ,ग्रामीणो ने आरोप लगाते हुए बताया कि ठेकेदार ने ग्राम पंचायत के सरपँच आजाद पटेल, सहायक सचिव मुस्ताक पटेल व घट्टिया जनपद सीईओ विष्णुकांता गुप्ता की मिलीभगत से तालाब को 40 फीट से भी ज्यादा खोद दिया गया। व ग्रामीणो ने आरोप लगाते हुए यह भी बताया कि इसके एवज में ग्राम पंचायत ने 5 लाख रूपये से ज्यादा की राशि ग्राम पंचायत ने ली है। म्रतक घूमते -घूमते नहाने के लिए तालाब की तरफ चले गए व गहराई का अंदाजा नही होने से डूबने से कीचड़ में फँस गए..जिससे दोनो बच्चो की मौत हो गयी। म्रतक विनीत पिता जिंतेंद्र विश्वकर्मा उम्र 16 वर्ष 8 वी कक्षा का छात्र व राघव उर्फ गोपाल पिता मनोहर चौधरी उम्र 18 वर्ष 10 वी क्लास का छात्र था , सूचना मिलते ही भैरव गढ़ थाना प्रभारी प्रवीण पाठक टीम के साथ मौके पर पहुंचे व ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकलवाया पीएम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। इस घटना के बाद क्षेत्र की जनपद सदस्य अफसाना इकबाल पटेल का भी गुस्सा फूटा है उन्होंने जनपद के एक ग्रुप में इस घटना को लेकर जनपद सीईओ को जिम्मेदार बता दिया कहा कि मैंने कई बार शिकायत की लेकिन एक नहीं सुनी,जिसका नतीजा यह घटना हुई ।(ग्रुप का स्क्रीन शार्ट अन्य जनपद सदस्य द्वारा उपलब्ध करवाया गया) ,मौके पर कालियादेह पहुंचे तहसीलदार प्रकाश परिहार को ग्रामीणों ने खूब खरी खोटी सुनाई। म्रतक के पिता ने आरोप लगाते हुए बताया कि हम विरोध करते तो हमें शासकीय कार्य में बाधा के केस में फंसाने की धौंस दी जाती थी और यह सब काम प्रशासन की मिलीभगत से हुआ है।
1 माह पूर्व जनपद सीईओ ने पटवारी के साथ मौके पर पहुंचकर शिकायत पर पंचनामा बनाया था उन्होंने सरपँच व सहायक सचिव को कहा था कि एक भी मिट्टी का डल्ला यह से नही जाना चाहिए ,लेकिन उल्टा 10 फिट से चार गुना 40 फिट अधिक खुदाई हो गयी ।
अब देखना होगा कि वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों पर किस तरह कार्रवाई करते हैं या फिर इसी तरह ठेकेदार को अभयदान देकर अवैध उत्खनन जारी रहेगा।