घट्टिया जनपद की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार का खेल हुआ शुरू,जिम्मेदार आँख पर पट्टी बांधकर कर बैठे।

घट्टिया जनपद की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार का खेल हुआ शुरू,जिम्मेदार आँख पर पट्टी बांधकर कर बैठे।

घट्टिया जनपद की पंचायतों में भ्रष्टाचार का खेल हुआ शुरू।

एक ही धुंधले बिल से कई बार नियमों को ताक पर रखकर निकाल रहे बिल।

घट्टिया।उज्जैन जिले की घट्टिया जनपद की ग्राम पंचायतो में भ्रष्टाचार का खेल शुरू चुका है अनेकों पंचायतो में नए सरपँच व सचिव नियमो को ताक पर रखकर बिना जीएसटी ,टिन नम्बर ,बिना सरपंच - सचिव के हस्ताक्षर व सील के ही बिल  लगा रहे व पास भी हो रहे है। सवाल तो जनपद के जिम्मेदारों पर भी उठते है ऐसे फर्जी बिल पास कैसे हो रहे है दाल में काला है या पूरी दाल ही काली है।
हद तो तब हो गयी जब भ्रष्टाचार की गवाई पंचायत दर्पण पोर्टल दर्शाये धुंधले व फर्जी बिल दे रहे है,सरकार ने सब काम ऑनलाइन करते हुए पारदर्शिता बनाने के लिए पंचायत दर्पण पर सब कामो को ऑनलाइन किया था ,जिससे की भ्रष्टाचार रुके,लेकिन भ्रष्टाचार के जादूगर इस पर भी काम नियम विरुद्ध कर सरकार को ही चुना लगा रहा है। एक तरफ तकनीकी विस्तार के साथ देश में 5G शुरू हो गया है,ओर यह घट्टिया जनपद की ग्राम पंचायतो के द्वारा इतनी हाईटेक टेक्नोलॉजी के आने के बाद भी धुंधले बिल दर्शना समझ से परे है। जनता के टेक्स से इतनी मोटी तनख्वाह मिलने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों को यह तस्वीरे क्यो नही दिखाई दे रही है,कही इनकी मिलीभगत से तो यह सब नही हो रहा।

कई पंचायतों ने तो वाउचर पर ही कर दी लाखो की राशि आहरण।
जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायतों के जिम्मेदारों ने लाखों रुपए की राशि वाउचर पर ही नियम विरुद्ध आहरण कर दी जबकि वाउचर पर बड़ी राशि नहीं निकाली जा सकती है लेकिन जनपद के जिम्मेदारों की मिलीभगत से यह सब कार्य चल रहा है कई पंचायतों ने तो एक ही धुंधले बिल से कई बार राशि निकाल ली, जिसमे ग्राम पंचायत छितरदेवी, बांसखेड़ी,सिपावरा ,धुलेटिया ,सोडंग ,झिरन्या प्रमुख रूप से शामिल है।


सेटिंग से परिचितों के फर्म के लगा रहे बिल

घट्टिया जनपद की कई ग्राम पंचायत तो ऐसी है जो घटिया मुख्यालय व उज्जैन के आसपास है लेकिन यहां के जिम्मेदार सामान खरीदने नागदा, महिदपुर, उन्हेल ,घोसला जा रहे है यह तो समझ से परे है इतना परिवहन का व्यय कोन दे रहा,  सामान ओर कही से खरीदकर बिल अपने सेटिंग से परिचितों के लगा रहे हैं और पैसे धड़ल्ले से निकाल रहे ,कई फर्म तो ऐसी है जो धरातल पर है ही नही।

अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार इस पर कोई ध्यान देंगे या ऐसे ही भ्रष्टाचार का खेल चलता रहेगा ।