न्यायाधीशगण द्वारा किशोर न्याय बोर्ड का निरीक्षण कर बालकों की समस्याएं सुनी गयी

न्यायाधीशगण द्वारा किशोर न्याय बोर्ड का निरीक्षण कर बालकों की समस्याएं सुनी गयी

हक हमारा भी तो है अभियान अंतर्गत न्यायाधीशगण द्वारा किशोर न्याय बोर्ड का निरीक्षण कर बालकों की समस्याएं सुनी गयी

माता-पिता की अनुपस्थिति में किशोर न्यायगृह के गुरुजन एवं प्रशिक्षकगण ही बालकों के अभिभावक हैं। -- जिला न्यायाधीश श्री सुनील कुमार शोक

उज्जैन:- म०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर एवं मान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार *हक हमारा भी तो हैं* अभियान अंतर्गत *किशोर न्याय बोर्ड, मालनवासा, उज्जैन* में निरीक्षण कार्यक्रम एवं विधिक साक्षरता / जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।

*जिला न्यायाधीश श्री सुनील कुमार शोक* द्वारा उपस्थित बालकों को कहा गया कि आप घर से दूर यहां पर रहकर विद्या अध्ययन कर रहे हैं। अपने माता-पिता की अनुपस्थिति में बाल सम्प्रेषण गृह के गुरुजन एवं प्रशिक्षणगण ही आपके अभिभावक है। उन्होंने निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह, म0प्र0 अपराध पीडित प्रतिकर योजना 2015 बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 6 से 14 वर्ष के बच्चों को संविधान द्वारा प्रदत्त निःशुल्क शिक्षा का अधिकार, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के बारे में जीवन जीने के अधिकार की जानकारी बच्चों को दी जाकर उनकी समस्याओं का समाधान किया साथ ही उक्त अभियान अंतर्गत पैनल अधिवक्ता एवं पैरालीगल वॉलंटियर की टीम के माध्यम से बालकों की समस्याओं के संबंध में उनके आवेदन पत्र भरवाए गए।

*जिला न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट) श्रीमती कीर्ति कश्यप* द्वारा लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) 2012 की आवश्यकता एवं उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि पॉक्सो एक्ट में 0 से 18 वर्ष के बच्चों के प्रति हो रहे लैंगिक शोषण को रोकने एवं बच्चों के प्रति किये गये दुष्कृत्यों में आरोपी को दिये जाने वाले कठोर दण्ड के प्रावधान किये गये हैं।

बाल सम्प्रेषण गृह के हाउस मास्टर श्री ऋषि डोंगरे द्वारा बालगृह की गतिविधियों एवं बालकों द्व रा किये जा रहे नवाचारों के बारे में जानकारी दी गयी।

पैनल अधिवक्ताओं एवं पैरालीगल वॉलंटियर द्वारा बच्चों को पर्सनालिटी डेवलपमेंट एवं आगामी भविष्य में प्रशासनिक न्यायिक चिकित्सा एवं कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसरों के बारे में बताया।

इस अवसर पर जिला न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट) श्रीमती कीर्ति कश्यप, जिला न्यायाधीश श्री सुनील कुमार शोक, बाल सम्प्रेषण गृह के हाउस मास्टर श्री ऋषि डोगरे, शिक्षिकी श्रीमती आशा पंचोली, एडीपीओ कु. पिंकी शेरवाल, कॉस्टेबल चेतना महोबिया, पैनल अधिवक्तगण श्री सौमित्र सिन्हा एवं कु. नीता बौरासी, पैरालीगल वॉलंटियर श्रीमती प्रीति धाणक एवं लगभग 10 बच्चे उपस्थित रहे।