देवउठनी एकादशी पर्व पर तराना नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो में तुलसी विवाह का आयोजन सम्पन्न 

नाना मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाया तुलसी विवाह

देवउठनी एकादशी पर्व पर तराना नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो में तुलसी विवाह का आयोजन सम्पन्न 
तुलसी विवाह

देवउठनी एकादशी पर्व पर तराना नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रो में तुलसी विवाह का आयोजन सम्पन्न 

तराना-तराना नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में  देवउठनी एकादशी पर्व के पावन पर्व पर तराना नगर के मंदिरों सहित ग्रामीण क्षेत्रो में माता तुलसी एवं भगवान विष्णु शालिग्राम का विवाह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ मान्यता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार और माता तुलसी का विवाह किया जाता है। इस एकादशी को देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का बहुत अधिक महत्व होता है। इसी पावन दिन भगवान विष्णु चार माह के बाद योग निद्रा से उठते हैं। इसी दिन से मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं। तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी के दिन ही किया जाता है साथ ही तराना के समीपस्थ ग्राम छड़ावद में तुलसी एवं शालिग्राम का धूमधाम के साथ विवाह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ जिसमें ग्राम गागल्याखेड़ी के समस्त ग्रामवासी शालिग्राम की बारात लेकर ग्राम छड़ावद पहुंचे जहां छड़ावद के समस्त ग्राम वासियों द्वारा बारात का जोरदार स्वागत किया स्वागत के पश्चात हिंदू रीति रिवाज के अनुसार भगवान विष्णु अवतार शालिग्राम एवं तुलसी माता का विवाह संपन्न करवाया तत्पश्चात भंडारे का आयोजन भी ग्रामवासी द्वारा किया गया जिसमें हजारों की तादार में ग्रामवासी शामिल हुए तत्पश्चात बारात को विदाई दी गई साथ ही उसी प्रकार तराना नगर के बाकेबिहारी मंदिर,तेजाजी मंदिर में मनाया गया साथ ही नानां महाराज गुरु मंदिर में विधिविधान के साथ विष्णु शालिग्राम एवं तुलसी माता का विवाह कार्यक्रम पंडित मधुरम जोशी द्वारा सम्पन्न करवाया जिसमे नाना महाराज गुरु मंदिर परिवार के सदस्यों एवं समस्त रहवासियों द्वारा उक्त कार्यक्रम का लुत्फ उठाया एवं एक दूसरे को तुलसी विवाह की बधाई एवं शुभकामनाए प्रेषित की गई