मालवा की पावन धरा पर रचा जा रहा है इतिहास 45 उपवास की कठोर तपस्या   

मालवा की पावन धरा पर रचा जा रहा है इतिहास  45 उपवास की कठोर तपस्या   
45 उपवास की कठोर तपस्या   

मालवा की पावन धरा पर रचा जा रहा है इतिहास
जैन साध्वी श्री भव्यम रेखा श्रीजी एवं श्री पुन्यम रेखा श्रीजी के द्वारा की जा रही है 45 उपवास की कठोर तपस्या   

उन्हेल l  भगवान् श्री कामितपुरण पार्श्वनाथ दादा की नगरी में हर्षोल्लास के माहोल में मालवा विभूषण परम पूज्य अनुयोगाचार्य प्रवर श्री वीररत्न विजय जी म सा तथा तपस्वी रत्न प.पू. आचार्य भगवंत श्री पद्मभूषणरत्न सुरिश्वर जी म सा तथा साध्वी श्री भक्ति रेखा श्रीजी म सा आदि ठाना की निश्रा में चल रहे ऐतिहासिक चातुर्मास में तप धर्म का अमृत कुम्भ छलक रहा है l नगर के इतिहास में पहली बार लगभग 17 साधू एवं साध्वी भगवंत का एक साथ चातुर्मास हो रहा है इस चातुर्मास में ज्ञान की गंगा के साथ तपस्या का एक विशिष्ट प्रभाव निरंतर बना रहा, बेहद ही कम उम्र में जैन साध्वी श्री भव्य रेखा श्रीजी एवं श्री पुन्य रेखा श्रीजी के द्वारा 45 उपवास की कठोर तपस्या से मालवा में इस चातुर्मास एक नए इतिहास का सृजन किया है I जैन श्री संघ अध्यक्ष सतीश मारू ने अति महत्वपूर्ण जानकारी देते हुवे यह बताया की दोनों साध्वीजी म सा के संयम ग्रहण का या प्रथम वर्ष है और उनकी उम्र मात्र 20-21वर्ष ही है, प्रतिदिन साध्वींवर्या 10 घंटे ज्ञान ध्यान एवं साधना में लीन रहते है, लघभग 3 घंटे से अधिक समय मंदिर जी में प्रभु की भक्ति, जाप में मग्न रहता है, चेहरे पर असीम तेज, और प्रसन्नता तथा दिल में आनंद और उत्साह की अनुभूति के दर्शन मिलता है, जिस उम्र में आज के नोजवान ठीक से दुनिया दारी को नहीं समझ पाते उस उम्र में विराट तपस्या करना अपने आप में एक महान कार्य है यही से समाज में परिवर्तन की लहर उत्पन्न होती है और नोजवानो में अच्छे संस्कारों की शुरुवात होती है इस दृष्टी कोण से यह पल एतिहासिक बनता है I
 जैन श्री संघ द्वारा तप की पूर्णाहुति पर महान तप की अनुमोदनार्थ आगामी 20 से 22 सितम्बर शनिवार, रविवार और सोमवार को तीन दिवसीय भव्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसके सम्पूर्ण लाभार्थी अनिल कुमार चम्पालाल वागरेचा है जिसके अंतर्गत शनिवार को श्री प्रेम सूरी आराधना भवन में प्रातः 9 बजे से 12 बजे तक श्री सिद्धाचल भाव यात्रा का भव्य कार्यक्रम सुधीर कुमार मोतीलाल जैन द्वारा कराया जाएगा जिसमे भावनगर गुजरात के कलाकार मंच पर कार्यक्रम देंगे, रविवार को प्रातः समाजजन की नवकारशी और उसके उपरान्त 8:30 बजे भव्य एवं विशाल वरघोडे का आयोजन किया जाएगा प्रातः 11 बजे आराधना भवन तप धर्म अनुमोदनार्थ अभिनन्दन धर्मसभा रहेगी I रविवार को समाजजन का स्वामीवात्सल्य एवं उसके पश्चात प्रभु मंदिर में श्री शांतिस्नात्र महापूजन, एवं 108 दीपक से प्रभु जी की आरती संपन्न होगी I सोमवार को दोनों साध्वी तपस्वियों के पारणे का आयोजन अनिलकुमार वागरेचा के निवास स्थान पर मुनिराज ऋषभचंद्र विजय जी मसा के मुखारबिंद से प्रवचन, संघपूजन गुरुपूजन, उपकरण अर्पण, गुरु पगलिया का कार्यक्रम में गुरुभक्तो के जयघोष के साथ पारणा का कार्य संपन्न होगा 
आगामी बुधवार के पर्वाधिराज पर्व पर्युषण का शुभारम्भ होगा I