हर्ष और उल्लास से मृत्युंजय (मासशमन) तप की पूर्णाहुति , वरघोडे में राष्ट्र प्रेम में युवा झूमे जगह-जगह हुवे स्वागत  

हर्ष और उल्लास से मृत्युंजय (मासशमन) तप की पूर्णाहुति , वरघोडे में राष्ट्र प्रेम में युवा झूमे जगह-जगह हुवे स्वागत  
वरघोडे में राष्ट्र प्रेम में युवा झूमे जगह-जगह हुवे स्वागत  

हर्ष और उल्लास से मृत्युंजय (मासशमन) तप की पूर्णाहुति 
तपस्वियों के बहुमान में नगर उमड़ा, वरघोडे में राष्ट्र प्रेम में युवा झूमे जगह-जगह हुवे स्वागत  

उन्हेल l  नगर में हर्षोल्लास के माहोल में जैन समाज में चल रहे मालवा विभूषण परम पूज्य अनुयोगाचार्य प्रवर श्री वीररत्न श्री जी म सा तथा तपस्वी रत्न प.पू. आचार्य भगवंत श्री पद्मभूषणरत्न सुरिश्वर जी म सा तथा साध्वी श्री भक्ति रेखा श्रीजी म सा आदि ठाना की निश्रा में चल रहे चातुर्मास में बढ़ चढ़ कर तपस्या हो रही है, उसी कड़ी में सोमवार  को भव्याति भव्य मृत्युंजय (मासक्षमन) तप की पूर्णाहुति के साथ सोलह, ग्यारह एवं आठ उपवास का तप करने वाले तपस्वियों की पूर्णाहुति पर पारणा भव्य वरघोडा और स्वामीवात्सल्य का आयोजन संपन्न हुवा l नगर के इतिहास में पहली बार लगभग 17 साधू एवं साध्वी भगवंत का एक साथ चातुर्मास हो रहा है इस चातुर्मास में ज्ञान की गंगा के साथ तपस्या का एक विशिष्ट प्रभाव निरंतर बना रहाइसके अंतर्गत उन्हेल नगर के युवाओ एवं युवतियों ने बहुत कम उम्र में ही मासक्षमन (30 उपवास) की साधना उल्लास, आनंद एवं भक्ति के साथ संपन्न की l इसका समापन होने पर सोमवार को प्रातः नवकारसी पश्चात नगर सहित दूर दराज से आये हजारो की संख्या में धर्मप्रेमी समाजजन के साथ विराट रथ यात्रा (वरघोडा) निकाला गया l  हाथी, घोड़े, बग्गी, ढोल, ताशे, बेंड और ड्रोन से हुई पुष्पवर्षा ने सम्पूर्ण नगर का माहोल धार्मिक बना दिया, यात्रा में भगवान् का विराट रथ के साथ चल रहे साधू भगवन्तो का और हाथी घोड़े पालकी में बैठे  तपस्वी का अभिवादन नगर के हप प्रमुख समाज जनों, संघटनो, एवं आम जनमानस द्वारा किया गया सम्पूर्ण नगर में हर्ष का माहोल रहा तीन हाथियों पर 30 उपवास के तपस्वी ने वर्षीदान किया वही सात बग्गियो पर सोलह, ग्यारह एवं आठ उपवास वाले तपस्वी विराजमान हुवे, बडनगर से आये प्रसिद्ध जनता मालवा बेंड ने समा बाँध दिया एवं सम्पूर्ण शोभायात्रा में धार्मिक एवं राष्ट्रिय गीत से ओत प्रोत भजन एवं गान से आकर्षित किया l सोमबार को राष्ट्रिय महापर्व स्वतंत्रता दिवस की झलकिय भी समाज के चल समारोह में देखने को मिली l सम्पूर्ण राष्ट्र जहां आज़ादी की 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है वही गुरु भगवन्तो के एक आव्हान पर सम्पूर्ण चल समारोह में राष्ट्रिय ध्वज तिरंगा लिए सेंकडो युवाओं ने देश भक्ति के मधुर संगीतो के मध्य पर्व मनाया l लगभग तीन घंटे लम्बे चले चल समारोह के पश्चात आचार्य प्रेमसुरी आराधना भवन में परम पूज्य पन्यास प्रवर वीर रत्न विजय जी म सा भगवंत ने धर्मसभा को संबोधित करते हुवे कहा की इतिहास कभी सूना जाता है , इतिहास कभी पढ़ा जाता है तथा कभी कभी इतिहास बनाया भी जाता है आज नगर के इतिहास मेंतपस्या के माध्यम से एक नए स्वर्णीम अध्याय को रचा गया है  पूज्य श्री के प्रवचन के पश्चात सम्सस्त तपस्वियों का बहुमान श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ द्वारा किया गया जहा सभागृह में बाहर से पधारे सेकड़ो धर्मप्रेमी जनमानस के साथ सकल श्री जैन संघ मोजूद रहा 

इनके द्वारा की गई तपस्या  अल्प आयु के युवाओं एवं युवतियों ने मासक्षमन जैसी विशाल तपस्या करके यह दर्शा दिया की धर्म करने और तपस्या करने की कोई उम्र नहीं होती है आज जहां आधुनिक पीढ़ी के नोजवानो को धर्म से अधर्म की राह पर आसानी से जाते देखा जा सकता है परन्तु गुरु भगवन्तो के आशीर्वाद के उनके मार्गदर्शन में अपने संस्कार अपनी सभ्यता के अनुरूप आप एवं आपकी आने वाली पीढियों की दशा एवं दिशा को निर्धारित कर सकते है, आज के इस आयोजन से कही न कही यह बात सार्थक होती नजर आती है 


मासक्षमन (30 उपवास) करने वालो में आदित्य राजेश जैन ज़ोहरमणि, हर्ष डालचंद जैन, अर्पिता शम्मी जैन ज़ोहरमणि, समता आयुष जैन नन्दकमल, समीक्षा दिनेश जैन, सरिता अशोक जैन बिरला, कशिश मुकेश जैन, रानी दिनेश छाजेड वही सोलह उपवास के तपस्वी प्रियल सुधीर जैन, सरिता दिनेश जैन बिरला द्वारा की गई साथ ही ग्यारह एवं आठ उपवास की तपस्या यशी दिनेश जैन, उर्वशी रितेश मारू, उन्नति पवन जैन, पार्थ वैभव मारू, कमला बेन यति, अनीता भरत सिंह एवं अश्विनी अवंत जैन द्वारा की गई तपस्वी के पार्ने उपरान्त समस्त धर्मप्रेमी जनमानस के स्वामीवात्सल्य का आयोजन जैन धर्मशाला पर रखा गया 
यह है आगामी कार्यक्रम  आगामी रविवार और सोमवार को साध्वींवर्या श्री भव्य मेघा श्री जी एवं साध्वी श्री पूण्य मेघा श्री जी के 45 उपवास के निमित्त विराट एवं भव्य शोभायात्रा, नवकारशी, स्वामीवात्सल्य के साथ शांतिस्नात्र महापूजन का आयोजन होगा रात्रि में संध्या भक्ति का आयोजन भी होगा शनिवार को सुधीर मोतीलाल जैन की और से सिद्धाचल जी भावयात्रा का आयोजन भी किया जाएगा जिसमे भावनगर से विशिष्ट समाजजन आयोजन कराने पधारेंगे l