दीपावली पर्व पर मेवाड़ा गुर्जर समाज करता है सामूहिक श्राद्ध तर्पण

दीपावली पर्व पर मेवाड़ा गुर्जर समाज करता है सामूहिक श्राद्ध तर्पण

दीपावली पर्व पर मेवाड़ा गुर्जर समाज करता है सामूहिक श्राद्ध तर्पण
तर्पण करते समाजजन

दीपावली पर्व पर मेवाड़ा गुर्जर समाज करता है सामूहिक श्राद्ध तर्पण

तराना-तराना के ग्राम कोदरीखेड़ा में मेवाड़ा गुर्जर समाज के द्वारा दीपावाली पर श्राद तर्पण का कार्य किया जाता है मान्यता है कि  भगवान राम के पिता राजा दशरथ को पानी भगवान राम ने दीपावाली के दिन दिया था वनवास से आने के बाद चूंकि क्षत्रिय वीर गुर्जर सूर्यवंशी है और भगवान राम के वंशज है इस कारण दीपावाली के दिन श्राद करते हैं।।।. पुष्कर में जब ब्रह्मा जी ने यज्ञ किया था तब सावित्री माता समय पर नहीं आई थी, पोखर चेची जिनकी जाति गुर्जर थी उनकी पुत्री गायत्री यहां गाय चरा रही थी, ब्रह्मा जी ने यज्ञ में उसे सावित्री जी की जगह पर बैठा दिया था , सावित्री माता यज्ञशाला में पंहुची और अपनी जगह गायत्री माता को बैठी देखकर क्रोधित हो गई और आवेश में आकर गायत्री माता को वंश विनाश का श्राफ दे दिया  तब गायत्री माता रोने लगी और सावित्री माता से कहा मेरे समाज को श्राफ से मुक्त करो परंतु सावित्री माता नही मानी तब क्रोधित होकर गायत्री माता ने सावित्री माता को श्राफ दिया की मैं पूर्णत निर्दोष हूं और आपने बिना सचाईं जाने मेरे गुर्जर वंश के विनाश का श्राफ बदले की भावना से दिया है , इसलिए मै तुझे श्राफ देती हूं कि संपूर्ण संसार में तुझे कोई आदर सम्मान नही मिलेगा, तुम्हारी कहीं भी पूजा नहीं होगी संपूर्ण कीर्ति का विनाश होगा गायत्री के श्राफ के कारण सावित्री घबरा गई और माफी मांगने लगी और सावित्री माता ने गायत्री माता से कहा की मेरा वचन झूठा नहीं हो सकता इसलिए मैं तुम्हारे गुर्जर वंश की वृद्धि का उपाय बताती हूं तब उन्होंने पितरों के तर्पण का उपाय बताया और कहा की तुम्हारे वंश की वृद्धि समृद्धि और कीर्ति होंगी तभी से समाजजन सामुहिक रुप से गाँव बाहर नदी एवं तालाब में जाकर सामूहिक रूप से तर्पण कर परंपरा का निर्वाचन कर रहे है उपरोक्त जानकारी राजेश गुर्जर द्वारा दी गई