कभी भी अपनी सफलता को व्यक्तिगत ना बताएं -पँ उपाध्याय

स्कंद पुराण कथा के चौथे दिन तारकासुर का किया वध

कभी भी अपनी सफलता को व्यक्तिगत ना बताएं -पँ उपाध्याय
यजमान आरती करते हुए

कभी भी अपनी सफलता को व्यक्तिगत ना बताएं -पँ उपाध्याय
 
तराना-तराना नगर के नाना महाराज गुरु मंदिर प्रांगण चल रही स्कंद पुराण कथा के चौथे दिन यजमान नीरज चाँदना, नितिन चाँदना,द्वारा सपत्नीक सद्गुरु नाना महाराज,मार्तन्डेश्वर महादेव,एवं व्यासपीठ का पूजन अर्चन कर आरती की गई कथा व्यास पंडित हरि ॐ उपाध्याय ने स्कंद पुराण के चौथे दिन कथा व्यास में बताया कि तारकासुर को मारने के लिए शिव जी के पुत्र का जन्म होता है जिन्हे छः कृतिकाओं के द्वारा पाले जाने के कारण जिन्हें कार्तिक स्वामी कहा गया, इन्हीं को  स्कन्द कुमार, मुरूगन के नाम से  भी जाना जाता है ,जब तारकासुर को कार्तिक स्वामी ने मार दिया तो सारे देवता लोग कार्तिक स्वामी की प्रशंसा करने लगे परंतु कार्तिक स्वामी ने इस कार्य की सफलता के लिए अपने माता पिता को श्रेय दिया, किसी भी व्यक्ति की सफलता उसकी व्यक्तिगत नहीं होती है ,उसकी सफलता के पीछे कहीं ना कहीं माता पिता ,इष्ट मित्र ,परिवार जन का सहयोग होता है । राजा श्वेत जिसने अपने राज्य में शिव भक्ति का प्रचार प्रसार किया जिसके कारण सारे नगर के वासी इन के शासनकाल में निरोगी सुखी और शिव भक्त हो गए, यमदूत ओर यमराज भी जब इन्हें शिव  भक्ति के कारण अपने साथ यम लोके नहीं ले जा पाए तो  काल देव इन्हें लेने आये । तब शंकर जी प्रकट होकर काल को भस्म कर देते हैं फिर राजा श्वेत की प्रार्थना पर काल को फिर से जीवित कर देते हैं। ये  सब शिव भक्ति से सम्भव हो जाता है उपरोक्त जानकारी पंडित पंकज दूबे द्वारा दी गई