भैरव अष्ठमी के पावन पर्व पर बोड़ाना भैरव का आकर्षक श्रंगार कर लगाया 56 भोग 

तराना नगर के मंदिरों में रही भैरव अष्ठमी की धूम

भैरव अष्ठमी के पावन पर्व पर बोड़ाना भैरव का आकर्षक श्रंगार कर लगाया 56 भोग 
पूजन अर्चन करते

भैरव अष्ठमी के पावन पर्व पर बोड़ाना भैरव का आकर्षक श्रंगार कर लगाया 56 भोग 

भेरव अष्ठमी पर्व का हिंदुओं में बहुत महत्व है. यह दिन भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है. लोग इस विशेष दिन पर उपवास रखते हैं और भगवान काल भैरव की पूजा करते हैं. इस दिन कालाष्टमी भी मनाई जाती है. मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की मनाया जाता है हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान काल भैरव भगवान शिव की भयावह अभिव्यक्ति हैं. इस दिन को भगवान काल भैरव की जयंती के रूप में मनाया जाता है इसलिए भगवान काल भैरव या भगवान शिव के भक्तों के लिए इस दिन का बहुत महत्व है.यह दिन अधिक शुभ माना जाता है जब इसे भैरव अष्टमी या काल भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है उक्त भेरव अष्ठमी के उपलक्ष्य में तराना के बोड़ाना भेरव मंदिर में बोड़ाना परिवार द्वारा सामूहिक बाबा का आकर्षक एवं मनमोहक श्रंगार कर हवन पूजन किया गया साथ ही बाबा को 56  भोग लगाकर महाआरती की गई एवं प्रसादी वित्तरण की गई उक्त कार्यक्रम के दौरान, भेरूलाल बोड़ाना,गोपाल बोड़ाना,सहित परिवारजन उपस्थित हुए साथ ही तराना के परमार भेरव मन्दिर प्रांगण में  प्रदीप परमार द्वारा परमार कुल भेरव का आकर्षक एवं मनमोहक श्रंगार कर हवन पूजन कर बाबा को दाल बाटी चूरमा का भोग लगाया