यात्रा और कुर्सी का मेल नहीं, सरकार चलाना बच्चों का खेल नहीं 

यात्रा और कुर्सी का मेल नहीं, सरकार चलाना बच्चों का खेल नहीं 

यात्रा और कुर्सी का मेल नहीं, सरकार चलाना बच्चों का खेल नहीं 

उज्जैन में ठहाकाधीश , काव्य मंचों के बाजीगर पंडित ओम व्यास ओम के 61 वें जन्मों उत्सव पर *हास्यांजलि* कार्यक्रम में हास्य व्यंग्य के अलाव ने शीत लहर में गर्माहट प्रदान की.. ओम हास्याय नम: संस्था  के  संयोजक स्वामी मुस्कुराके एवम सचिव व्यंग्यकार मुकेश जोशी ने हास्यमय जानकारी मुस्कुराते हुए बताया कि  तरणताल स्थित हास्याचार्य ओम व्यास ओम के ठीये पर मस्ती, आनंद, तालियों का मजमा जमा... प्रसिद्ध कवि सुरेंद्र सर्किट ने प्रथम क्रम की तूफानी काव्य पारी मे कहा कि.. यात्रा और कुर्सी का मेल नहीं है, सरकार चलाना बच्चों का खेल नहीं है.. जो आएगी वो ही तुम्हें बनायेगी उल्लू, तुम्हारे हाथ में आएगा बाबा जी का ठूल्लु.... युवा कवि सुगन चंद जैन ने बुजुर्ग गायक अनूप जलोटा  और जसलिन की युवा मस्ती पर करारा कटाक्ष करते हुए कहा कि..मुझे मिली जसलिन तो मैने पूछ लिया...बूढ़े जलोटा से तुम्हें प्यार केसे हो गया.. ये कारनामा देखकर युवा डिप्रेशन में हो गया..जसलिन बोली हेंड्सम, इनकम,दिन कम और जलोटा से प्यार हो गया..... अंतर राष्ट्रीय कवि अशोक भाटी ने जमकर ठहाकों की बरसात कर हास्य व्यंग्य के   मावठो का एहसास करवाया.. अशोक भाटी ने कहा कि.... दिन में छ: घंटे बिजली फेल रखता है, फिर भी सबकी नाक में नकेल रखता है... कहता है आग बुझाना आदत है मेरी, फिर भी दोनों हाथों में मिट्टी का तेल रखता है.. सांप्रदायिक सदभाव का पक्षधर है, हर महजब की रखेल रखता है.. हास्यमयी धुआँधार संचालन स्वामी , शैलेंद्र व्यास ने किया.. इस अवसर पर साहित्यकार *अभिताभ सुधांशु की नवीन पुस्तक का विमोचन ठहरा हुआ सा कुछ* का विमोचन पूर्व डी एस पी प्रवीण सिंह ठाकुर, प्रेमसिंह यादव, श्याम माहेश्वरी, डॉ. निर्दोष निर्भय ने किया.. सुरीले ठहाको के साक्षी दिनेश विजय वर्गीय, स्वामी दिलमिलाके दिनेश रावल, जयंत दभाड़े, केशव  बजाज, राकेश दीक्षित, उर्मेश गुप्ता, कमल नंदवाना, अनिल चावंड थे.. आभार संजय व्यास ने माना...