शांति समझौते के बाद गृह मंत्री ने कही यह बात , पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र और मणिपुर सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि

शांति समझौते के बाद गृह मंत्री ने कही यह बात , पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र और मणिपुर सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छह दशक लंबे सशस्त्र आंदोलन के अंत पर खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा, यह पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र और मणिपुर सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि है। अब पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य मिलेगा।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छह दशक लंबे सशस्त्र आंदोलन के अंत पर खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा, यह पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र और मणिपुर सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि है। अब पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य मिलेगा।

केंद्र और राज्य के साथ लंबी चली वार्ता के बाद मणिपुर में एक प्रतिबंधित यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक पोस्ट कर खुशी जाहिर की। इससे पहले, मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा था कि एक प्रतिबंधित संगठन के साथ बातचीत आगे बढ़ रही है। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि बहुत जल्द एक बड़े भूमिगत संगठन के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। 

शांति समझौते के लिए गृह मंत्रालय पहुंचे लोग
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने केंद्र और मणिपुर सरकार के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। छह दशक लंबे सशस्त्र आंदोलन के अंत का प्रतीक माना जा रहा समझौता यूएनएलएफ पाम्बेई समूह के सदस्यों की मौजूदगी में हुआ। समझौते के लिए सभी लोग राष्ट्रीय राजधानी में गृह मंत्रालय पहुंचे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि 'एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल हुआ!!! पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार के अथक प्रयासों ने पूर्ति का एक नया अध्याय जोड़ा है क्योंकि यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने आज एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मणिपुर का सबसे पुराना सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा को त्यागने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए सहमत हो गया है। मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं और शांति और प्रगति के पथ पर उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।'

इस साल मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलो में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए थे, जिसके बाद से राज्य में भड़की हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। मैतई राज्य की आबादी का 53 फीसदी हिस्सा हैं और उनमें से अधिकांश इंफाल घाटी में रहते हैं। जबकि नागा और कुकी समेत अन्य आदिवासी आबादी का 40 फीसदी हैं, जो खासतौर पर राज्य के पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

मणिपुर सरकार का बयान
समझौते के बाद मणिपुर की भाजपा सरकार के मुखिया सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा, विपक्ष कुछ भी कह सकता है, वे इसी काम के लिए विपक्ष में हैं। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार काम करती है।मणिपुर सरकार वही काम कर भी रही है। उन्होंने कहा कि 70 साल बाद हालात के बदलाव में प्रधानमंत्री के प्रभाव का जिक्र करते हुए सीएम बीरेन सिंह ने कहा, पीएम मोदी ने जो जादू किया है, वह उसकी सराहना करना चाहते हैं।