विक्रम विश्व विद्यालय में छात्रों के साथ एनएसयूआई और युवा कांग्रेस का प्रदर्शन, पीएचडी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप

विक्रम विश्व विद्यालय में छात्रों के साथ एनएसयूआई और युवा कांग्रेस का प्रदर्शन, पीएचडी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप
  • विक्रम विश्व विद्यालय में छात्रों के साथ एनएसयूआई और युवा कांग्रेस का प्रदर्शन,
  •  पीएचडी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप,
  • उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ कर बदले गए नम्बर,
  •  कार्य परिषद सदस्य पर लगाए एम ए में नियम विरुद्ध प्रवेश लेने और 100 फीसदी अंक प्राप्त करने के आरोप,

उज्जैन |  मंगलवार को विक्रम विश्व विद्यालय में प्रदर्शन देखने को मिला | यहाँ छात्रों के साथ साथ एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भी मोजूद रहे | दरअसल यह प्रदर्शन दो अलग अलग मुद्दों को लेकर किया गया | युवक कांग्रेस नेता बबलू खिची का आरोप है की विक्रम विश्वविद्यालय में गत मार्च माह में हुई पीएचडी चयन परीक्षा-2022 में धांधली की गई है | विक्रम विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों के अंतर्गत पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा 6 मार्च 2022 को आयोजित की गई थी। परीक्षा संपन्न होने के बाद उसी दिन प्रवेश परीक्षा का परिणाम भी घोषित किया था। इस परीक्षा के दौरान कुछ विषयों में फर्जीवाड़ा करते हुए अपात्र लोगों के नंबर बढ़ाकर पात्र किया गया था। इस मामले में प्रवेश परीक्षा की आंसर शीट बाहर आने के बाद युवक कांग्रेस ने इसकी शिकायत राजभवन, आईजी, एसपी कार्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन को की थी। शिकायत के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने 3 सदस्यों की जांच कमेटी गठित कर दी थी। जांच समिति बने हुए 2 माह बीतने के बाद भी ना तो जांच रिपोर्ट आई ना ही विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई हुई। बताया जाता है कि जांच समिति जिम्मेदारों के बयान नहीं ले पा रही है। इस मामले को लेकर युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में प्रदर्शन कर कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे को पीएचडी परीक्षा में फर्जी रूप से नंबर बढ़ाने वाले दोषियों पर कार्रवाई की मांग उठाई है। इसके साथ ही चेतावनी भी दी गई की अब कार्यवाही को लेकर ज्ञापन नहीं दिया जाएगा सीधे उग्र आन्दोलन और आमरण अनशन होगा |

वहीँ एक और गंभीर आरोप लगाते हुए युवा कांग्रेस नेता बबलू खिची ने कुलपति को दस्तावेज सोंपे | दस्तावेजो के साथ आरोप लगाए गए की विक्रम विश्व विद्यालय के कार्य परिषद सदस्य संजय नाहर ने नियम की अवहेलना करते हुए एम ए ज्योतिष शास्त्र में प्रवेश लिया और परीक्षा दी जो की पद का दुरूपयोग है | आरोप यह भी लगाया गया की संजय नाहर के हायर सेकंडरी और स्नातक में 50 फीसदी से कम अंक आए थे परन्तु एम ए ज्योतिष शास्त्र में 100 फीसदी अंक हासिल कर लिए |

मामले में कुलपति अखिलेश कुमार पांडे ने कहा की पीएचडी परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत गंभीर विषय है इसके लिए समिति गठित कर दी गई है बारीकी से जाँच की जा रही है इसलिए समय लग रहा है | वहीँ विक्रम विश्व विद्यालय के कार्य परिषद सदस्य संजय नाहर पर लगे आरोपों की जाँच के लिए नियम देखेंगे और यदि अनियमितता पाई जाती है तो कार्यवाही के लिए राज्यपाल को अवगत कराया जाएगा |