राजसी ठाठ बाँट के साथ निकली बाबा महाकाल की सवारी, मन महेश स्वरूप में निकले बाबा महाकाल,

राजसी ठाठ बाँट के साथ निकली बाबा महाकाल की सवारी, मन महेश स्वरूप में निकले बाबा महाकाल,

सावन माह के पहले सोमवार को राजसी ठाठ बाँट के साथ निकली बाबा महाकाल की सवारी, मन महेश स्वरूप में निकले बाबा महाकाल,

उज्जैन | महाकालेश्वर मंदिर से शाम 3:30 बजे बाबा की पालकी का पूजन किया गया उसके बाद शाम 4 बजे बाबा नगर भ्रमण पर निकले। मंदिर से शुरू हुई बाबा की  सवारी  नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई शिप्रा नदी पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के रामघाट पर जल अभिषेक के बाद  सवारी पुनः महाकाल मंदिर के लिए रवाना होगी। मान्यता हे की भगवान महाकाल  सवारी   के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हे। वहीँ अपने राजा की एक झलक पाने के लिए प्रजा भी घंटो तक सडक के किनारे इंतजार करती हे। शाम को पूजन के बाद राजा महाकाल को चाँदी की पालकी में बैठाकर मंदिर से बाहर लाया गया। सवारी   के आगे घोडा , बेंड , पुलिस टुकड़ी तथा भजन मंडलियाँ चल रही थी। गाजे बाजे के साथ निकल रही  सवारी  का सफ़र लगभग आठ किलोमीटर का है।