परंपरागत खेती से हटकर शिवपुरी के किसान ने अपने खेत में उगाई स्ट्रॉबेरी

परंपरागत खेती से हटकर शिवपुरी के किसान ने अपने खेत में उगाई स्ट्रॉबेरी

  • स्ट्रॉबेरी की खेती से अब पैसा कमाने का लक्ष्य
  • शिवपुरी के एक किसान के जुनून की कहानी

शिवपुरी। शिवपुरी के किसानों परंपरागत खेती से हटकर नई खेती पर ध्यान दे रहे हैं। इसी क्रम में शिवपुरी के तानपुर गांव के रहने वाले एक किसान राजेश रावत ने अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती की है। इसके लिए किसान राजेश रावत ने अपने खेत में लगभग 7 लाख रुपए की लागत से नेट हाउस शेड का निर्माण किया है। किसान राजेश रावत ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने कुछ किसानों के साथ झांसी उप्र का भ्रमण किया वहां पर कुछ किसानों को स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करते हुए देखा। इसके बाद उन्होंने भी अपने मन में इस बात को ठाना कि वह भी शिवपुरी जैसे छोटे जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती करेंगे।


इसके बाद स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए किसान राजेश रावत ने प्लानिंग शुरू की और अब उन्होंने अपने तानपुर गांव में स्थित खेत पर नेट हाउस शेड का निर्माण करके यहां पर स्ट्रॉबेरी के 300 पौधे लगाए हैं जिनमें फल आना शुरू हो गए हैं। इसके बाद अब आने वाले एक महीने के बाद यहां पर स्ट्रॉबेरी का उत्पादन होने लगेगा। किसान राजेश रावत ने बताया कि अभी उन्होंने प्रायोगिक तौर पर स्ट्रॉबेरी की खेती की है यदि यह खेती सफल रहती है तो वह आने वाले समय में और बड़े स्तर पर इसके उत्पादन पर ध्यान देंगे। किसान राजेश रावत ने अपने खेत पर जो नेट हाउस चैट का निर्माण किया है उसमें निर्माण में 7 लाख रुपए की लागत आई है। उद्याानिकी विभाग ने इसके लिए राज्य योजना के तहत मदद की है और सब्सिडी उपलब्ध कराई है।
उद्यानिकी विभाग के ग्रामीण विस्तार अधिकारी जितेंद्र कुमार जाटव ने बताया कि तानपुर के किसान राजेश रावत ने परंपरागत खेती से हटकर के नया प्रयोग करने की हिम्मत जुटाई। वह इसके लिए आगे आए तो उद्यानिकी विभाग भी उनकी पूरी मदद कर रहा है।

वैसे देखा जाए तो शिवपुरी जिले में यहां के किसान परंपरागत खेती के तौर पर गेहूं, सरसो और चना ज्यादा करते हैं। इसके अलावा अब किसान टमाटर के उत्पादन भी जोर दे रहे हैं। लेकिन तानपुर के किसान राजेश रावत ने एक नया प्रयोग करते हुए स्ट्रॉबेरी उगाने पर जोर दिया है।