तराना नगर में संजा का पर्व नंन्हे मुंन्हे बच्चों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया

तराना नगर में संजा का पर्व नंन्हे मुंन्हे बच्चों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया

तराना नगर में संजा का पर्व नंन्हे मुंन्हे बच्चों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया
नन्ही बालिका दिव्यांशी बोड़ाना पूजन करते हुए

तराना नगर में संजा का पर्व नंन्हे मुंन्हे बच्चों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया 

तराना । नगर में संजा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है वही तराना में नंन्हे मुंन्हे बच्चों द्वारा इस पुरानी परमपरा का निर्वाहन कर रहे है साथ ही मानव मन की गहनतम अनुभूति की सौंदर्यात्मक अभिव्यक्ति जब किसी अनुकृति के रूप में परिणित होती है तो वह अनुकृति हमारी संस्कृति और लोककला के प्रतीक के रूप में पहचानी जाती है। मानव मन की संवेदनशीलता की गहराई को इन प्रतीकों के माध्यम से समझना बेहद सरल और सुखद होता है।

कला की अभिव्यक्ति जब धर्म के माध्यम से की जाती है तब वह कृति पवित्र और पूजनीय हो जाती है। धर्म ने कला को गंभीरता दी है तो कला ने भी धर्म पर अपने सौंदर्य को न्यौछावर करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। धर्म का कलात्मक सौंदर्य और कला का धार्मिक स्वरूप पावन और गौरवशाली होता है। इसी खूबसूरत मिलन की देन है मालवा जनपद का एक मीठा व सौंधा सा पर्व है संजा