चरवाहे को मगरमच्छ नदी में खींच ले गया, एक दिन बाद मिला शव

चरवाहे को मगरमच्छ नदी में खींच ले गया, एक दिन बाद मिला शव
  • चरवाहे को मगरमच्छ नदी में खींच ले गया, एक दिन बाद मिला शव
  • एसडीआरएफ की टीम ने खोज निकाला शव
  • भेड़-बकरियां चराने के दौरान  नदी किनारे पानी पीने पहुंचा था चरवाह, तभी हुई घटना

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में नदी से पानी पीने गए चरवाहे को एक मगर अपने मूंह में दबा ले गया था। जिले के सीहोर थाना क्षेत्र में जहां सिंध नदी में लापता हुए चरवाहे को एसडीआरएफ की टीम ने खोज निकाला है। बता दें कि सीहोर गांव में पास बहने वाली सिंध नदी में रविवार की दोपहर एक भेड़-बकरी चलाने गए चरवाहे पर मगरमच्छ ने हमला बोल दिया। मगरमच्छ चरवाहे को नदी में खींच कर ले गया। तभी से चरवाहा लापता था। सूचना के बाद मौके पर पहुची पुलिस सहित प्रशासन ने सिंघ नदी में चरवाहे की तलाश रविवार की शाम शुरू कर दी थी।

एसडीआरएफ की टीम ने खोजा शव- 

रात में अन्धेरा होने की बजह से रेस्क्यू टीम से रेस्क्यू रोक दिया था। सोमवार को सुबह 9 बजे चरवाहे का शव एसडीआरएफ की टीम ने खोज लिया। बता दें कि रविवार की शाम मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने वोट की मदद से शव की तलाश शुरू की थी साथ ही वोट की मदद से नदी में भवँर बनाने का काम किया था। सोमवार सुबह एक बार फिर एसडीआरएफ द्वारा लापता युवक की तलाश शुरू की थी। एसडीआरएफ की टीम वोट और लाइफ जैकिट की मदद से नदी में उतरी थी जहां टीम ने शव को नदी में से खोज निकाला।

भेड़-बकरियां चराने के दौरान  नदी किनारे पानी पीने पहुंचा था चरवाह-

बताया जाता है कि रविवार की सुबह सीहोर गांव का रहने वाला सुरेश पाल पुत्र अद्दु पाल उम्र 38 साल रोज की तरह अपनी भेड़-बकरियों को चराने सिंध नदी किनारे पहुंचा था। जहां आज सुबह उसकी भेड़-बकरियां नदी किनारे पानी पीने पहुंची थी। इसके बाद सुरेश के मवेशी नदी किनारे पटपरा (चट्टान) पर बैठ गए थे। इसी दौरान करीब साढ़े ग्यारह बजे सुरेश पानी पीने नदी किनारे पहुंचा था। सुरेश, नदी का पानी पी ही रहा था कि सुरेश पर मगरमच्छ ने हमला बोलते हुए उसे अपने जबड़े में जकड़ लिया था और खींच कर नदी में ले गया था। बता दें कि ग्रामीणों के सामने मगरमच्छ सुरेश के शव को अपने जबड़े में फसाकर दो से ढाई घंटे तक नदी में तैरता रहा। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। इसके बाद सुरेश के शव को मगरमच्छ ने नदी के बीचों बीचों छोड़ दिया। तभी से सुरेश के शव का कोई सुराग नहीं लगा था।