मंडला-बालाघाट जिले की सीमा पर पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर  नक्सली मुठभेड़ में दो नक्सलियों को ढेर कर दिया

मंडला-बालाघाट जिले की सीमा पर पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर  नक्सली मुठभेड़ में दो नक्सलियों को ढेर कर दिया

मध्यप्रदेश के मंडला-बालाघाट जिले की सीमा पर पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर  नक्सली मुठभेड़ में दो नक्सलियों को ढेर कर दिया। बुधवार सुबह हुई मुठभेड़ में जवानों ने दो नक्सलियों को मार गिराया। जबकि 1 महिला नक्सली भागने में कामयाब रही , मारे गए नक्सलियों में एक जीआरबी, केबी डिवीजन की समन्वय टीम का प्रभारी गणेश मरावी (35) व भोरमदेव कमेटी पीएल-2 का एसीएम कमांडर राजेश है। जबकि एक महिला नक्सली फरार हो गई। राजेश झीरम घाटी छग में हुए नक्सली हमले के मास्टमाइंड हिडमा के साथ काम कर चुका है।

  बालाघाट, मंडला और छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती क्षेत्र में यह मुठभेड़ सुपखार-मोतीनाला के पास हुई। यह हॉक फोर्स, जिला पुलिस बल एवं सीआरपीएफ 148वीं बटालियन का संयुक्त ऑपरेशन था। जवानों ने 2 नक्सलियों के मार गिराया। एक और नक्सली को गोली लगी है, जिसकी सघन तलाश जारी है। नक्सलियों से AK-47स 315 बोर की रायफल बरामद हुई है। 

 मध्यप्रदेश पुलिस की हाकफोर्स व नक्सलियों के बीच करीब 30 मिनट तक मुठभेड़ चली। दोनों तरफ से अंधाधुंध फायरिंग हुई। हाक फोर्स ने इनके पास से AK-47, 315 बोर की रायफल बरामद की है। पुलिस को आशंका है कि AK-47 को नक्सलियों ने पुलिस से लूटी होगी। नक्सली उस दौरान मारे गए जब वे रसद की खेप लेने घने जंगल में पहुंचे। मुठभेड़ के दौरान लगभग 1 दर्जन नक्सली रहे होंगे। मारे गए दोनों नक्सलियों पर 43 लाख का इनाम था।

 एनकाउंटर के बाद पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक आओवादियों द्वारा मनाए जाने वाले पीएलीजीए सप्ताह के चलते बालाघाट के सुपखार वन क्षेत्र (मंडला-कवर्धा छग सीमावर्ती) में नक्सली गतिविधियां चलने की सूचना मिल रही थी। 30 नवंबर की रात करीब 1 बजे नक्सलियों की तलाश में हाकफोर्स की पार्टी सघन जंगल में सर्चिंग के लिए पहुंची। नक्सलियों के आने की संभावित रास्तों पर सर्चिंग करते हुए वन विभाग के नाका पर पहुंची। नक्सलियों ने आहट पाकर हाॅकफोर्स की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में हाकफोर्स ने भी फायरिंग की। करीब आधे घंटे बाद नक्सलियों की तरफ से फायरिंग बंद हुई। हाकफोर्स ने जंगल में तलाशी अभियान शुरू किया। इस बीच दो पुरुष नक्सियों के शव बरामद हुए। नक्सलियों के पास माओवादी साहित्य मिला है। उसका टीम अध्ययन कर रही है। नक्सली एमपी में किस उद्देश्य से आए इसका अभी खुलासा नहीं हो सका है।


मारा गया नक्सली गणेश मरावी (35) ग्यारहपत्ती, गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) का रहने वाला था। वह डीवीसीएम का प्रभारी, समन्वयक एमएमसी (महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीगढ़) जोन था। इसके पास से एक-47 मिली है। यह पहले भी हिंसक गतिविधियों में लिप्त कंपनी नंबर-4 में रहकर गढ़चिरौली में सक्रिय था। वर्ष 2015 में संगठन के विस्तार के लिए जीआरबी डिवीजन बालाघाट आया था। माओवादी गतिविधियों के अमरकंटक क्षेत्र तक विस्तार के लिए 2016 में गठित प्लाटून-2 (भोरमदेव एरिया कमेटी) में सक्रिय रहा। इसके खिलाफ एमपी में 8, छग में 4, महाराष्ट्र में 3 संगीन अपराध दर्ज हैं।
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