देवरी घड़ियाल केंद्र से  चंबल नदी में पाली घाट पर छोड़े गए 32 घड़ियाल, 17 मादा एवं 15 नर बताए गए घड़ियाल, वन मंडल चंबल नदी में किया गया रिलीज    

देवरी घड़ियाल केंद्र से  चंबल नदी में पाली घाट पर छोड़े गए 32 घड़ियाल, 17 मादा एवं 15 नर बताए गए घड़ियाल, वन मंडल चंबल नदी में किया गया रिलीज    

देवरी घड़ियाल केंद्र से  चंबल नदी में पाली घाट पर छोड़े गए 32 घड़ियाल, 17 मादा एवं 15 नर बताए गए घड़ियाल, वन संरक्षक ग्वालियर एवं वन मंडल अधिकारी के निर्देशन में घायलों को चंबल नदी में किया गया रिलीज,      

मुरैना और श्योपुर जिले के वन्य जीव प्रेमियों के लिए खुशी की खबर निकलकर सामने आई है। घड़ियाल केंद्र देवरी मुरैना के द्वारा 32 घड़ियालों को श्योपुर के पाली घाट चंबल नदी में रिलीज किया है।अब घड़ियाल की संख्या लगातर बढ़ती जा रही है, घड़ियाल के बच्चों को रिलीज किया गया है।श्योपुर और मुरैना जिले से गुजरने वाली चंबल नदी में घड़ियाल और मगरमच्छ  का कुनबा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। घड़ियाल प्रजाति को वंश वृद्धि देने में घड़ियाल केंद्र देवरी की मुख्य भूमिका मानी जा रही है। मुख्य वन संरक्षक अधिकारी ग्वालियर रेंज और मुरैना डीएफओ के निर्देशन में एसडीओ भूरा गायकबाड़ और उनकी टीम ने श्योपुर के पाली घाट के चंबल नदी में 32 घड़ियाल के बच्चे रिलीज किए हैं, जिनमें 17 मादा और 15 नर है । हर साल जनवरी और फरवरी के महीने में स्वंतंत्र जीवन जीने के लिए इनको रिलीज किया जाता है।चंबल नदी साफ सुथरी होने की वजह से जलीय जीवों की संख्या में हर साल इजाफा देखने को मिल रहा है। घड़ियाल प्रजाति के साथ मगरमच्छ की भी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जलीय जीवों का विकास एवं भरण पोषण पूरी तरह से चंबल नदी में होता है इसलिए इनको चम्बल नदी में छोड़ा जाता हैं।