मनमहेश जी रजत पालकी में विराजित होकर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले 

मनमहेश जी रजत पालकी में विराजित होकर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले 

कार्तिक माह में भगवान श्री मनमहेश जी रजत पालकी में विराजित होकर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले 

भगवान श्री  महाकालेश्वर की पहली सवारी धूमधाम से निकाली गयी

 
उज्जैन | श्रावण-भाद्रपद माह की तरह श्री महाकालेश्‍वर भगवान की कार्तिक माह में प‍हली सवारी 20 नवम्‍बर सोमवार सायं 04 बजे श्री महाकालेश्‍वर मंदिर से निकाली गयी। 

सवारी निकलने के पूर्व सोमवार सायं 04 बजे श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के सभामण्‍डप में भगवान श्री मनमहेश का विधिवत पूजन अर्चन किया गया। पूजन शासकीय पुजारी श्री धनश्‍याम शर्मा द्वारा किया गया।

पूजन-अर्चन के दौरान मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री संदीप कुमार सोनी, सहायक प्रशासक श्री मूलचंद जूनवाल, श्री प्रतीक दिवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के.तिवारी आदि उपस्थित थे।

सवारी जैसे ही मंदिर के मुख्‍य द्वार पर पहुंची, पालकी में विराजित भगवान को पुलिस के जवानों द्वारा सलामी दी गयी। तत्‍पश्‍चात भगवान श्री मनमहेश अपनी प्रजा का हाल जानने भ्रमण पर निकले।

कार्तिक माह की प्रथम सवारी विधिवत पूजन- अर्चन के बाद श्री महाकालेश्‍वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रा तट पहुंची। जहॉ पर भगवान श्री मनमहेश का माँ क्षिप्रा के जल से अभिषेक किया गया। पूजन- अभिषेक के पश्‍चात सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिेक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्‍वर मंदिर पहुंची।


भगवान श्री मनमहेश का सवारी मार्ग पर खडें श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया।

भगवान श्री मनमहेश की सवारी के आगे-आगे तोपची कड़ाबीन के माध्यम से राजाधिराज के आगमन की सूचना देते हुए चल र‍हे थे। सवारी में मंदिर के पुजारी एवं पुरोहित, पुलिस बैंड, घुडसवार दल, सशस्‍त्र पुलिस बल के जवान, भजन मंडलियॉ व धर्मपरायण जनता भगवान श्री महाकालेश्‍वर का गुणगान करते चल रहे थे।

श्री महाकालेश्वर भगवान की कार्तिक एवं अगहन (मार्गशीर्ष) माह में निकलने वाली सवारियॉ क्रमशः कार्तिक माह की द्वितीय सवारी 27 नवम्‍बर को निकाली जावेगी। वैकुंठ चतुर्दशी शनिवार 25 नवम्बर 2023  को रात्रि 11 बजे हरिहर मिलन की सवारी निकाली जावेगी। जो श्री महाकालेश्वर मंदिर से निकल कर गोपाल मंदिर जायेगी व पूजन पश्यात पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आएगी।