प्रदेश के बाजारों में मंदी का दौर. व्यापारियों की हालत पतला बैंक की ईएमआई भरने में हो रही परेशानियां

प्रदेश के बाजारों में मंदी का दौर. व्यापारियों की हालत पतला बैंक की ईएमआई भरने में हो रही परेशानियां

प्रदेश के बाजारों में मंदी का दौर. व्यापारियों की हालत पतला बैंक की ईएमआई भरने में हो रही परेशानियां


पीयूष जायसवाल।  कृषि प्रधान राज्य मध्यप्रदेश में इन दिनों व्यापारियों की हालत पतली बनी हुई है। किसी भी व्यापारियों को इतना लाभ नहीं हो रहा है कि वह अपनी सारी जिम्मेदारियां आसानी से पूरी कर ले। बीते 2 वर्षों से कोरोना की मार झेल रहे व्यापारियों को इस वर्ष अच्छे व्यवसाय की उम्मीद लगी हुई थी परंतु इस वर्ष भी व्यापार में कोरोना के वर्षों जैसा माहौल बना हुआ नजर आ रहा है। व्यापार के क्षेत्र में राजधानी भोपाल या आर्थिक राजधानी इंदौर की बात करें या फिर छोटे शहरों कस्बों की सभी जगह हालात एक समान नजर आ रहे हैं। जिसमे मुख्य व्यवसाय कपड़ा, किराना, सराफा, बर्तन ,इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, छोटे बड़े व्यवसाय शामिल है। परंतु इसमें चिकित्सा क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो सभी जगह व्यापार की हालत कमजोर नजर आ रही है। जिससे कई व्यापारियों को बैंक से उठाए गए लोन की ईएमआई भरने में परेशानियां पैदा हो रही है, कुछ निजी रूप से लेनदेन करने वाले व्यापारी को भी आपसे लेन-देन में काफी परेशानियां पैदा हो रही है। इस मंदी का बहुत बड़ा कारण किसानों पर आधारित है, किसानों की प्रमुख फसलों के भाव सीजन में आते ही मंदे हो जाते हैं। जिससे कि किसानों को ज्यादा आर्थिक फायदा नहीं पहुंचता है और वह अपने खेती किसानी के खर्चे भी पूरे नहीं कर पाते हैं। और अधिक मुनाफा नहीं होने से बाजार में अधिक खरीदी नहीं कर पाते हैं। फसलों के भाव की बात करें तो प्रमुख रूप से गेहूं की कीमत आज मंडियों में न्यूनतम 1500 से लगाकर, अधिकतम 2000 या 2200 बनी हुई है, विगत 2-3वर्षों से सोयाबीन, लहसुन, प्याज, चना,आलू जेसी प्रमुख फसलों की कीमत न्यूनतम बनी हुई है। इनसे भी किसान पर्याप्त मुनाफा नहीं कमा पा रहा है। बहराल चुनाव के इस दौर में केंद्र और राज्य की सरकार को मध्यम वर्ग से जुड़े बड़े व्यापारी वर्ग की को भी समझना होगा और इन छोटे व्यापारियों को उत्साहित करने के प्रयत्न करने होंगे।

*ऑनलाइन शॉपिंग से उभर रही है  बाजारों में मंदी।*

स्मार्टफोन के दौर में आजकल हर कोई ऑनलाइन शॉपिंग करना अपने आप में एक उपलब्धि समझ रहा है वही इसके उलट इस खरीदी का असर मध्यम वर्ग से जुड़े व्यापारी एवं आम लोगों इसका असर पड़ रहा है। बता दे की ऑनलाइन शॉपिंग की खरीदी से कुछ 2-4 बड़ी वित्तीय संस्थाओं को बड़ा लाभ पहुंच रहा है। जिससे कि छोटे और निम्न वर्ग के व्यापार में काफी परेशानियां पैदा हो गई है।