48 घंटे में दो बार मर गई पत्नी: सर्पदंश से मृत्यु के चार लाख रुपए की सहायता राशि का प्रकरण रिजेक्ट हुआ

48 घंटे में दो बार मर गई पत्नी: सर्पदंश से मृत्यु के चार लाख रुपए की सहायता राशि का प्रकरण रिजेक्ट हुआ

48 घंटे में दो बार मर गई पत्नी: सर्पदंश से मृत्यु के चार लाख रुपए की सहायता राशि का प्रकरण रिजेक्ट हुआ तो दो दिन पहले की तारीख का दूसरा डेथ सर्टिफिकेट दे दिया

गुना | 48 घंटे के अंदर एक महिला की दो बार मौत हो गई। पढ़कर चौकिए मत। यह हम नहीं, बल्कि शासन के डेथ सर्टिफिकेट बता रहे हैं मामला चांचौड़ा के बिरयाई गांव का है। रहने वाली 29 साल की महिला की मौत हो गई थी। पति ने शासन की योजना के तहत चार लाख रुपए लेने के लिए एसडीएम को आवेदन दिया। इसमें दावा किया कि डेथ सर्टिफिकेट में जो तारीख लिखी है, उसके दो दिन पहले पत्नी को सांप ने काटा, इसी वजह से उसकी मौत हुई है। इधर, एसडीएम चांचौड़ा के बिरयाई गांव का मामला, कलेक्टर ने जांच कराई तो हुआ खुलासा, दो डेथ सर्टिफिकेट बनाने वाला सचिव सस्पेंस ने यह कहते हुए आवेदन निरस्त कर दिया कि सांप काटने के बाद महिला पूरी तरह स्वस्थ हो गई थी, जिला अस्पताल से इसके बाद ही उसे छुट्टी दी गई। यदि संदेह था, तो पति को पीएम कराना चाहिए था। ऐसे में आवेदन निरस्त होने के कुछ दिन बाद मृतका के पति ने दो दिन पुराना डेथ सर्टिफिकेट लाकर पेश कर दिया, ताकि सांप के काटने से ही मौत मानी जाए। यह देखकर अधिकारियों के भी होश होड़ गए। कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए ने मामले की जांच कराई। इसके बाद डेथ सर्टिफिकेट जारी करने वाले सचिव को निलंबित कर दिया गया है।


घर पहुंचने के बाद महिला की मौत हुई चांचौड़ा एसडीएम विकास कुमार आनंद ने बताया कि महिला को सांप ने काटा था, इसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। यहाँ से वह स्वस्थ हो गई। घर पहुंचने के बाद महिला की मौत हुई। पति ने बिना पुलिस को सूचना दिए और बिना पीएम कराए ही अंत्येष्टि कर दी। सर्पदंश से मृत्यु होने पर योजना का लाभ लेने के लिए पीएम रिपोर्ट जरूरी है। एक में 15 जुलाई और दूसरे सर्टिफिकेट में 17 जुलाई दर्ज थी


ग्राम बिरयाई निवासी सीताराम बिजोरी की पत्नी विंदवती उम्र 29 साल का पहला डेथ सर्टिफिकेट 8 अगस्त 2022 को जारी किया गया। इसमें मृत्यु का दिनांक 17 जुलाई 2021 लिखा हुआ था। इसके बाद विदवती का ही 14 दिसंबर 2022 को दूसरा डेथ सर्टिफिकेट बनाया। इसमें उसकी मौत की तारीख 15 जुलाई 2021 दर्ज थी। इन दोनों ही सर्टिफिकेट को तत्कालीन पंचायत सचिव सुरेश मीना ने जारी किया था। मामला संज्ञान में आने के बाद कलेक्टर फ्रैंक नोबल ए ने इसकी जांच के निर्देश दिए। खंड पंचायत अधिकारी बृजमोहन मीना ने जांच की। इसमें पंचायत सचिव की गलती पाई गई, जिसके
डेथ सर्टिफिकेट, जिसमें एक में 15 जुलाई और दूसरे में 17 जुलाई लिखा है।


जांच में पता चला तो स को निलंबित कर दियसर्पदंश से मौत पर चार रुपए देने का प्रावधान है। बिरयाई के व्यक्ति ने आवे दिया, पहले उसने 17 तारी मृत्यु का स र्टिफिकेट पे किया, जब इसे निरस्त कर गया, तो 15 तारीख का डे सर्टिफिकेट पेश किया। माम की जांच कराई, जिसके ब एक ही महिला के दो सटी बनाने वाले पंचायत सचिव फ्रैंक नोबल ए. कलेक्टर बाद 10 अप्रैल को जिला पंचायत सीईओ प्रथम कौशिक ने सचिव सुरेश मीना को निलंबित कर दिया है। निलंबित कर दिया है