उज्जैन | विश्ववसु संवत्सर की अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर पुणे निवासी डॉ. सागर कोलते, उनकी पत्नी डॉ. साधना, पुत्र साराध्य, पुत्री साध्या, एवं चिरंजीवी सात्विक कोलते द्वारा श्री महाकालेश्वर बाबा को एक भव्य महाराजभोग अर्पित किया गया।
परिवार ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी से लाए गए 1250 किलोग्राम हापुस आम और हिमालय से लाई गई 1250 ग्राम नैसर्गिक शुद्ध केसर (सवा किलो) श्री महाकाल बाबा के चरणों में अर्पित किए। यह भोग लगभग 12 लाख रुपये मूल्य का था।
श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय संगम
प्रतिनिधि मुरली मनोहर जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह भोग विशेष रूप से सुवर्ण बर्ख (सोने की परत) से जड़ित आमों और चांदी के थाल में सजाकर अर्पित किया गया। यह सभी आम पूरी तरह नैसर्गिक पद्धति से उगाए गए थे और पेड़ पर ही पककर पूर्ण रूप से पुष्ट हुए थे।
अन्य मंदिरों में भी हुआ विशेष भोग अर्पण
श्री महाकाल मंदिर के अलावा, उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे –
- श्री हरसिद्धि माता मंदिर
- श्री मंगलनाथ मंदिर
- श्री कालभैरव मंदिर
- श्री नवग्रह शनि मंदिर
- श्री गढ़कालिका माता मंदिर
- श्री विक्रांत भैरव मंदिर
इन सभी स्थानों पर प्रत्येक में 125 किलो हापुस आम और 25 ग्राम केसर चढ़ाया गया। कुल मिलाकर अतिरिक्त 550 किलो आमों का भोग अन्य मंदिरों में भी अर्पित किया गया।
भोग का आध्यात्मिक उद्देश्य
इस महाराजभोग को पुणे की हेल्थकेयर और फार्मा कंपनियों –
साराध्यन हेल्थकेयर प्रा.लि., साध्यासार हेल्थकेयर, सॅटर्न 7 कॉस्मोहिल, सोलस्टिक 22 के कॉस्मोहिल प्रा.लि. की स्थापना, उन्नति और समृद्धि के उद्देश्य से अर्पित किया गया। यह भोग उनके कार्यों की निरंतर सफलता, दृढ़ आरोग्य, संपन्नता और सकारात्मक ऊर्जा के लिए किया गया।
पूजा-विधि और आयोजन की सफलता
पूजा अनुष्ठान पं. गौरव पुजारी, पं. अक्षय पुजारी एवं अन्य वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा विधिपूर्वक पूर्ण कराया गया। आयोजन पूरी श्रद्धा और धार्मिक विधि से सम्पन्न हुआ।
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