सेट्रल वॉइस न्यूज़, उज्जैन | मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को कालीदास अकादमी परिसर में आयोजित विक्रमोत्सव-2025 के तहत अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव के समापन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न देशों से आए राजनयिकों के साथ सौजन्य भेंट की और फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की सराहना की।
लेखिका सीमा कपूर की आत्मकथा का विमोचन
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लेखिका सीमा कपूर की आत्मकथा “यूं गुजरी है अब तलक” का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक जीवन के संघर्षों, अनुभवों और प्रेरणाओं का एक सशक्त दस्तावेज है, जो पाठकों को प्रेरित करेगी।
भारतीय संस्कृति पर आधारित फिल्में आज भी प्रासंगिक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति की यह विशेषता है कि चुनौतियों और विषम परिस्थितियों में भी इसने अपनी पहचान बनाए रखी है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति पर आधारित फिल्में आज भी समसामयिक हैं और इन फिल्मों के माध्यम से हमारी कला, परंपरा और मूल्यों को पूरे विश्व में प्रस्तुत किया जा सकता है।
इस फेस्टिवल में अतीत की कालजयी फिल्मों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें दादा साहब फाल्के द्वारा निर्देशित “राजा हरिश्चंद्र” जैसी ऐतिहासिक फिल्में शामिल रहीं।
सम्राट विक्रमादित्य के स्वर्णिम काल का स्मरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्रमोत्सव के माध्यम से हम सम्राट विक्रमादित्य के स्वर्णिम युग को याद करते हैं। उनकी न्यायप्रियता और सुशासन का संदेश नाट्य और फिल्मों के माध्यम से पूरे विश्व में प्रसारित होता है। उन्होंने कहा कि उज्जैन 64 कलाओं की नगरी है और इस प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन शहर की समृद्ध विरासत को विश्वपटल पर प्रस्तुत करते हैं।
भविष्य में और भव्य स्तर पर होगा आयोजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आने वाले समय में और भव्य स्तर पर इस प्रकार के फिल्मोत्सव आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने संस्कृति विभाग, कालीदास अकादमी और विक्रमादित्य शोध पीठ को सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।
मुख्य अतिथि:
कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के अधिकारी, कालिदास अकादमी के सदस्य, विक्रमादित्य शोध पीठ के प्रतिनिधि, साहित्यकार, फिल्मकार और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।