- अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे युवक को डॉक्टर के सामने आया हार्ट अटैक,
- डॉक्टर की तत्परता और समय पर ईलाज होने से बची युवक की जान,
- घटना सीसीटीव में कैद,
- नागदा के चौधरी अस्पताल की घटना,
नागदा | कहते हैं कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है। नागदा जंक्शन स्थित चौधरी अस्पताल में इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को मिला। यहां डॉक्टरों की तत्परता और सही उपचार मिलने से एक युवक की जान बच गई।
दरअसल मंगलवार दोपहर 3 बजे करीब नागदा शहर के समीप ग्राम रुपेटा निवासी 30 वर्षीय युवक सन्नी की जान उस समय खतरे में पड़ गई जब इलाज के लिए चौधरी हॉस्पिटल लाए जाने पर उसे अचानक दिल का दौरा पड़ गया। परिजनों के अनुसार सन्नी की तबीयत सुबह से ही खराब थी, ऐसे में वे उसे तत्काल चौधरी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।जैसे ही युवक को क्लीनिक में लाया गया, उसे अचानक हार्ट अटैक आया। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुनील चौधरी ने बिना समय गंवाए उपचार शुरू किया। तत्परता और अनुभव के चलते उन्होंने ना केवल स्थिति को संभाला, बल्कि युवक की जान भी बचा ली। घटना के बाद परिजनों ने डॉ. चौधरी और उनकी टीम का आभार जताते हुए कहा कि समय पर उपचार नहीं मिलता तो अनहोनी हो सकती थी। क्षेत्र में यह घटना चर्चा का विषय बनी रही, साथ ही लोगों ने डॉ. चौधरी के त्वरित निर्णय और सेवाभाव की सराहना की।
घटना का सीसीटीवी सामने आया है जिसमे साफ दिखाई दे रहा है की परिजन युवक को लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर से चर्चा की जा रही थी इसी दौरान युवक अचानक बेहोश होकर गिर गया। तभी अस्पताल मैनेजमेंट और डॉक्टर ने उसे एडमिट किया पहले तो सीपीआर दी गई उसके बाद इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए । यह प्रक्रिया करीब 30 मिनट तक चली तब जाकर युवक को होश आया और वह मौत के चुंगल से बच पाया।
डॉ. सुनील चौधरी ने बताया कि मरीज को हार्ट अटैक आया था और यदि 10 से 15 मिनट की देरी और हो जाती तो मामला गंभीर हो सकता था। उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक के मामले में हर मिनट महत्वपूर्ण होता है। समय रहते अस्पताल पहुंचना और सही इलाज मिलना ही जीवन बचा सकता है।