मुख्यमंत्री यादव ने शिप्रा नदी में किया श्रमदान, जल संरक्षण का दिया संदेश।
रामघाट पर मुख्यमंत्री ने पंचकोशियात्रियों का पुष्प माला से स्वागत किया ।
साथ ही जल गंगा संवर्धन अभियान में सरकार का सहयोग करने वाले कर्मचारियों का भी मुख्यमंत्री ने स्वागत सम्मान कर मनोबल बढ़ाया।
उज्जैन । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत शिप्रा नदी के घाट पर पहुंचे, जहाँ उन्होंने स्वयं श्रमदान कर घाट पर जमी कंजी को साफ किया।
आज सुबह शिप्रा नदी के तट पर पहुंचे मुख्यमंत्री यादव ने न केवल सफाई अभियान में हिस्सा लिया, बल्कि उन्होंने आस्था की डुबकी भी लगाई। इसके पश्चात, उन्होंने मां शिप्रा का दुग्धाभिषेक किया और माँ शिप्रा का पूजन कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान 30 मार्च (गुड़ी पड़वा) से शुरू होकर 30 जून तक चलेगा और इसका उद्देश्य प्रदेश की नदियों और अन्य जल स्रोतों का संरक्षण करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश वास्तव में नदियों का मायका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रदेश में कोई ग्लेशियर नहीं होने के बावजूद, यहाँ की भौगोलिक और वन संपदा के साथ-साथ जनभागीदारी के कारण पर्याप्त जलराशि उपलब्ध है। उन्होंने नर्मदा, केन-बेतवा, चंबल और सोन जैसी प्रमुख नदियों का उल्लेख करते हुए बताया कि ये न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्यों के लिए भी जीवनदायिनी हैं।
डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की कुल जलराशि किसी भी तरह से हिमालय के जल स्रोतों से कम नहीं है। उन्होंने जल स्रोतों के उचित रखरखाव, भूगर्भ जल भंडारण क्षमता में वृद्धि और जल के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘जल ही जीवन है’ के आह्वान को दोहराते हुए बताया कि राज्य सरकार अमृत सरोवर, खेत तालाब और पुरानी जल संरचनाओं के पुनरुद्धार के माध्यम से जल संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।