नव वर्ष का शंखनाद -विक्रम संवत कि शुरुआत

नव वर्ष का शंखनाद  -विक्रम संवत कि शुरुआत

उज्जैन |  देश भर में आज हिन्दू नव वर्ष मनाया जा रहा है। विक्रम संवत के नाम से मनाए जाने वाले इस नव वर्ष कि शुरुआत धार्मिक नगरी उज्जैन से ही हुई थी इसलिए इसका यहाँ विशेष महत्त्व है। हिन्दू धर्म के नव वर्ष की शुरुआत माँ शिप्रा के तट से मंत्रोचारण के साथ की गई। पण्डे पुजारियों सहित लोगो ने यहाँ सूर्य देव को अर्ध्य देकर अपने नव वर्ष को प्रारंभ कीया। महिलाओ ने राम घाट पर शंख नाद के साथ सूर्य देव का वंदन किया। 

विक्रम संवत के रूप में मनाये जाने वाले हिन्दू धर्म के नववर्ष का उज्जैन में विशेष महत्त्व हे। विक्रम संवत की शुरुआत राजा विक्रमादित्य के नाम से की गई। उज्जैन काल गणना का केंद्र होने तथा कर्क रेखा के यहाँ से गुजरने के कारण राजा विक्रमादित्य ने हिन्दू धर्म का केलेण्डर का निर्माण यहीं पर किया। उज्जैन विक्रमादित्य की नगरी होने के कारण यहाँ विक्रम संवत की शुरुआत विक्रमोत्सव के रूप में की जाती हे।  आज सुबह से ही शिप्रा नदी पर लोगो का ताँता लगा हुआ हे। यहाँ पंडितो द्वारा मन्त्र उच्चारण के साथ ही माँ शिप्रा की आरती के बाद पूजा पाठ का सिलसिला लगातार जारी हे। आज शिप्रा नदी में सूर्य को अर्ध्य देने के लिए लोगो का जमावड़ा लगा हुआ हे।