उन्हेंल पुलिस से नही पकड़ाई चोरी की गाड़ी ओर वाहन चोर, वाहन मालिक से लिये केवल आवेदन, तो कुछ की करी FIR दर्ज

उन्हेंल पुलिस से नही पकड़ाई चोरी की गाड़ी ओर वाहन चोर, वाहन मालिक से लिये केवल आवेदन, तो कुछ की करी FIR दर्ज

उन्हेंल पुलिस से नही पकड़ाई चोरी की गाड़ी ओर वाहन चोर,
वाहन मालिक से लिये केवल आवेदन, तो कुछ की करी FIR दर्ज

उन्हेल । उन्हेल थाना क्षेत्र अंतर्गत विगत 15 दिनो पूर्व लगभग एक दर्जन मोटरसाइकिल चोरी होने के मामले सामने आए थे जिस पर वाहन मालिको ने अपने  वाहन चोरी को लेकर आवेदन उन्हेल पुलिस थाना में दर्ज कराया था परंतु तत्कालीन थाना प्रभारी अपनी सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे थे उस कारण इन वाहन चोरों पर कोई बड़ी कार्रवाई नजर नहीं आ रही थी। जिसके पश्चात नए थाना प्रभारी जो कि माकड़ोन से उन्हेल थाने पर पदस्थ हुए नए थाना प्रभारी अशोक शर्मा से लोगों ने काफी उम्मीद लगा रखी थी जिन्होंने दिसंबर माह की 4 तारीख को उन्हेल थाने का प्रभार लिया, उसके बाद से ही लोग वाहन चोरों को पकड़ने की बड़ी तीव्र उम्मीद लगाए बैठे थे परंतु थाना प्रभारी के आने के बाद भी लगभग 1 सप्ताह से अधिक बीत गया है। जिसमें वाहन चोरों को पकड़ना तो दूर बल्कि ग्रामीण जनों द्वारा पकड़े गए एक मोटरसाइकिल चोर के द्वारा एक अन्य वाहन चोरी की वारदात को कबूल करना बताया गया था उस वाहन को भी नही जप्त कर पाए है।जबकि वहान मालिक चंद्रशेखर पुरोहित को बोल दिया गया था कि आपकी बाइक मिल गयी है जिसके आधार पर वाहन मालिक  अब तक थाने के चक्कर लगा रहा है  जिस पर उन्हेल पुलिस द्वारा गाड़ी नहीं मिलने की जानकारी दी। जिसको लेकर आज भी वाहन मालिक अपनी बाइक का इंतजार करता नजर आ रहा है। तो वही अभी तक विगत दिनों हुए वाहन चोरी के मामले को लेकर उन्हेल पुलिस थाना प्रभारी की कोई खास कार्य प्रगति नजर नहीं आ रही है जिसको लेकर उन्हेंल क्षेत्र की आमजन में पुलिस की कार्यप्रणाली व थाना प्रभारी की कार्यशैली के प्रति आक्रोश बढ़ता नजर आ रहा है।

नए थाना प्रभारी की उन्हेल में दोहरी पारी 
प्राप्त जानकारी अनुसार बताया जा रहा है माकड़ोन से आए थाना प्रभारी अशोक शर्मा पूर्व में उन्हेल थाने पर पदस्थ रहे जिसके चलते उनका उन्हेल नगर के लोगों से काफी जुड़ा व जान पहचान बताई जा रही है जिसके बाद भी इन लोगों की आत्मीयता पर थाना प्रभारी की कार्यशैली कोई प्रभाव नहीं डाल पा रही हैं जिसके चलते विगत दिनों उन्हेल में जिस प्रकार से चोरों ने वाहनों को चुराने की घटनाओं को अंजाम दिया था उस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए हैं। वही पूर्व में भी तत्कालीन थाना प्रभारी उन्हेल में रह चुके थे जिन की कार्यशैली भी कुछ खास नहीं रही थी तो वहीं अब नए थाना प्रभारी के प्रति भी लोगों की भावनाएं पुराने थाना प्रभारी की तरह ही जुड़ती नजर आ रही हैं क्योंकि वर्तमान थाना प्रभारी भी पूर्व में उन्हेल अपने कार्य सेवा दे चुके हैं जिसके पश्चात एक लंबे समय के बाद अब थाना प्रभारी बनकर फिर से उन्हेल आए हैं। अब देखना यह होगा कि नए थाना प्रभारी अपनी पुरानी पहचान व कार्यशैली को इस दोहरी पारी में किस प्रकार से प्रदर्शन करते हैं।

वाहन चोरी के लिए केवल आवेदन लीये
विगत दिनों में हुई वाहन चोरियों के मामले में जब कोई भी वाहन मालिक फरियादी बन उन्हेल थाना पहुंचा तो केवल उससे एक आवेदन ले लिया जाता था व उसे इस आवेदन पर ही कार्रवाई करने की सांत्वना देते हुए वहां से रवाना कर देते थे। व जो लोग मजबूती से आवेदन के साथ f.i.r. कराने का बोलते केवल उन्हीं की एफ आई आर दर्ज की गई थी जिसको लेकर उन्हेल थाने की रिकार्ड में विगत दिनों हुई 1 दर्जन से अधिक वाहन चोरी के मामले में केवल दो या तीन वाहन चोरी की ही fir हुई है जबकि बाकी सब के आवेदन लेकर उन्हें रफा-दफा कर दिया गया है। ऐसे में थाने द्वारा उच्च स्तर पर वाहन चोरी का कोई भी मामला प्रदर्शित नहीं किया गया, जिसके कारण जिला पुलिस अधिकारियों को भी उन्हेल में हुई 1 दर्जन से अधिक वाहन चोरी के मामले का संज्ञान नहीं है। जब इस पूरे मामले को लेकर थाना प्रभारी से चर्चा करनी चाही तो उनका फोन आउट ऑफ रेंज बता रहा था।