उज्जैन में कांग्रेस का हल्ला बोल: सरकार पर गंभीर आरोप और धरना प्रदर्शन

उज्जैन में कांग्रेस का हल्ला बोल: सरकार पर गंभीर आरोप और धरना प्रदर्शन

उज्जैन में कांग्रेस का हल्ला बोल: सरकार पर गंभीर आरोप और धरना प्रदर्शन

प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने उज्जैन में बड़ा प्रदर्शन किया। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, और अन्य नेताओं की मौजूदगी में हजारों कार्यकर्ताओं ने शहीद पार्क पर एक आम सभा आयोजित की। इसके बाद सभी नेता पैदल रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और वहां धरना दिया।

मुख्य मुद्दे:

1.  मुख्यमंत्री पर आरोप**: कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें शराब माफिया, भूमाफिया और खनिज माफियों को बढ़ावा देने के आरोप शामिल हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के गृह नगर उज्जैन में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठाए।

2.  शराब पर प्रतिबंध**: सभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि महाकाल की नगरी उज्जैन में शराब का प्रतिबंध होना चाहिए।

3. धरना प्रदर्शन**: सभी कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया और कलेक्टर से ज्ञापन लेने की मांग की। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने ज्ञापन लिया और इसके बाद धरना समाप्त हुआ।

दिग्विजय सिंह की टिप्पणियाँ :

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से यह प्रार्थना की कि वह अपने कार्यकाल में सावधानी बरतें। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है और लोगों को झूठे केस में फंसाया जा रहा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना की भी निंदा की और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सख्ती की प्रशंसा की।

उमंग सिंगार और जीतू पटवारी की टिप्पणियाँ :


विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने उज्जैन में गरीबों के साथ हो रहे अन्याय और महाकाल मंदिर के आसपास शराब की बिक्री पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यदि शराब का प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो उज्जैन में चक्का जाम होगा।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि महाकाल की नगरी में शराब का व्यापार हो रहा है और मुख्यमंत्री की कार्यशैली से सभी डरे हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि यदि वह शराब पर प्रतिबंध लगाने की पहल करें तो कांग्रेस उनका स्वागत करेगी, अन्यथा पार्टी संघर्ष जारी रखेगी।

इस प्रदर्शन और धरना प्रदर्शन के माध्यम से कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने और अपनी मांगों को प्रमुखता से उठाने की कोशिश की है।