कुमार विश्वास राम कथा सुनाने आए पहले दिन उन्होंने आरएसएस और वामपंथ पर टिप्पणी कर दी

कुमार विश्वास राम कथा सुनाने आए   पहले दिन उन्होंने आरएसएस और वामपंथ पर टिप्पणी कर दी

उज्जैन |  कुमार विश्वास राम के शंकर शंकर के राम कथा सुनाने आए हैं मंगलवार को पहले दिन उन्होंने आरएसएस और वामपंथ पर टिप्पणी कर दी उन्होंने कहा कि आरएसएस ने कुछ पढ़ा लिखा नहीं है कुपढ़ है और वामपंथियों ने ज्यादा पढ़ लिया है इसलिए दोनों के बीच देश में झगड़ा चल रहा है ‌‌। आरएसएस पर टिप्पणी करने पर भाजपा नेताओ ने आपत्ति ली है। उज्जैन संभाग मीडिया प्रमुख सचिन सक्सेना ने कहा कि कुमार विश्वास प्रसिद्ध कवि हैं वह अपनी बात मर्यादा में कहें वह कोई विश्वविद्यालय नहीं है जो प्रमाण पत्र बांट रहे हैं किसी भी संगठन पर इस तरह की टिप्पणी करना ठीक नहीं है उन्हें अपनी कथा कहने के लिए बुलाया गया वही काम करना चाहिए।

महापौर मुकेश टटवाल भी उस कथा में मौजूद थे आज जब उनसे पूछा गया कि कुमार विश्वास ने .आरएसएस पर जो टिप्पणी की है उस पर आपने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करी महापौर कटवाल ने कहा कि कुमार विश्वास कवि है उनको उसी अंदाज में लेना चाहिए । रामकथा में मंत्री मोहन यादव सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक पारस जैन भी मौजूद थे। जब उन्हें बताया गया कि कुमार विश्वास कवि सम्मेलन में नहीं रामकथा में इस तरह की बात कह रहे थे तब उन्होंने कहा कि  आरएसएस राष्ट्रवादी संगठन है इसे डिग्री से नहीं नापा जा सकता। राष्ट्रवाद दिल से और भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला है इसे पढ़ाई लिखाई से नहीं नापा जा सकता। 

मामले में समाज ग्रह हिंदू समाज ने आयोजकों को बुलाकर ज्ञापन सौंपा है इसकी जानकारी देते हुए जसविंदर सिंह ने बताया कि कुमार विश्वास ने जो बयान लाखों स्वयंसेवक और राम भक्तों के विषय में अपनी कलुषित वाणी से दिया है उसके लिए माफी मांगे। वे कालिदास के मंच को बदनाम किसी राजनीति से प्रेरित होकर कर रहे हैं। उनकी मानसिकता राजनीति की है। आयोजकों से कहा गया कि कुमार विश्वास ने अगर माफी नहीं मांगी तो आगे का फैसला हिंदू समाज बैठ कर लेगा।