सुभाषचंद्र बोस जयंती के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में पराक्रम दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण एवं भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई

श्रेष्ठ प्रखर नेतृत्व शैली, नेताजी सुभाषचंद्र बोस सदैव अनुकरणीय -डा. मेहता 

सुभाषचंद्र बोस जयंती के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में पराक्रम दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण एवं भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई


उज्जैन। सुभाषचंद्र बोस जयंती के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में पराक्रम दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण एवं भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। कार्यक्रम में अतिथिगण सामाजिक संस्था परिवर्तन के अध्यक्ष  श्री एस.एस. नारंग,प्रो. डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. धर्मेंद्र मेहता, विक्रम विवि के पूर्व प्रतिभावान छात्र-नागर के सीएस श्रीवरुण गुप्ता, डॉ. डी.डी.बेदिया, डॉ.अजय शर्मा, डा.नयनतारा डामोर, श्री राकेश खोती द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस.एस. नारंग ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा प्रेरणा बन गया। तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा भी उनका था, जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। एस.एस. नारंग ने कहा कि 23 जनवरी 2021 को नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर भारत सरकार के निर्णय के तहत पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। 8 सितम्बर 2022 को नई दिल्ली में राजपथ, जिसका नामकरण कर्तव्यपथ किया गया l


निदेशक डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने कहा कि उस वक्त आजाद हिन्द सरकार की सेना थी, जिसका लक्ष्य अंग्रेजों से लड़कर भारत को स्वतंत्रता दिलाना था। जब दक्षिण-पूर्वी एशिया में जापान के सहयोग द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने करीब 40,000 भारतीय स्त्री-पुरुषों की प्रशिक्षित सेना का गठन शुरू किया और उसे आजाद हिन्द फौज नाम दिया तो उन्हें आज़ाद हिन्द फौज का सर्वोच्च कमाण्डर नियुक्त करके उनके हाथों में इसकी कमान सौंप दी गई। कार्यक्रम में अतिथि गण सामाजिक संस्था परिवर्तन के अध्यक्ष श्री एस.एस. नारंग, डॉ. धर्मेंद्र मेहता, डॉ. डी डी बेदिया, डा  नयनतारा द्वारा भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।