गोवर्धन पूजा एवं सुहाग पड़वा का पर्व महिलाओ ने हर्षोल्लास के साथ मनाया 

गोवर्धन पूजा एवं सुहाग पड़वा का पर्व महिलाओ ने हर्षोल्लास के साथ मनाया 

गोवर्धन पूजा एवं सुहाग पड़वा का पर्व महिलाओ ने हर्षोल्लास के साथ मनाया 
पूजन अर्चन करते परिवारजन

गोवर्धन पूजा एवं सुहाग पड़वा का पर्व महिलाओ ने हर्षोल्लास के साथ मनाया 

तराना-तराना नगर में गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन ही की जाती है, लेकिन इस साल सूर्यग्रहण की वजह से गोवर्धन या अन्नकूट को अगले दिन यानी 26 अक्टूबर, बुधवार को मनाया गया गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 या 108 तरीके के भोग लगाए जाते हैं और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को होती है. मतलब इसे 25 अक्टूबर को होना था, लेकिन सूर्य ग्रहण की वजह से तिथियां आगे बढ़ गईं. ऐसे में गोवर्धन पूजा एवं सुहाग पड़वा देशभर में दीपावली के तीसरे दिन 26 अक्टूम्बर को मनाई लोगों द्वारा एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाऐं दी साथ ही मालवा में सुहाग पड़वा का पर्व मनाया जाता है। इस दौरान छोटों द्वारा बड़ों के पैर छूकर दीपावली के पर्व की शुभकामनाऐं दी जाती हैं और बड़े छोटों को आशीर्वाद देते हैं।इस पर्व को सुहाग पड़वा नाम इस लिए दिया जाता है क्यों कि इस दिन परंपरा के अनुसार सुहागिनें बड़े - बुजुर्गों के पैर छूती हैं और बड़े - बुजुुर्ग उन्हें सदा सुहागन होने का आशीर्वाद देते हैं। कुछ समुदायों में मान्यता है कि पत्नी अपने पति के पैर छूती है और उन्हें पति से कुछ उपहार प्राप्त होता है