राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर कार्यक्रम हेतु शासकीय महाविद्यालय तराना में प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

शासकीय महाविद्यालय तराना में प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर कार्यक्रम हेतु शासकीय महाविद्यालय तराना में प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
प्रशिक्षण देते विकास खंड शिक्षा अधिकारी

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर कार्यक्रम हेतु शासकीय महाविद्यालय तराना में प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न 

तराना |  राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय शर्मा के निर्देशन में एवं विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश सिंह जाटव की उपस्थिति में विकासखंड तराना के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के नोडल शिक्षकों का प्रशिक्षण ऑडिटोरियम शासकीय कालेज तराना में आयोजित किया गया । जिसमें डॉ राकेश सिंह जाटव द्वारा प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया । राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 13 सितंबर 2022 एवं मापक दिवस 16 सितंबर 2022 को आयोजित किया जाएगा । जिसमें 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के समस्त बालक बालिकाओं को आंगनबाड़ी केंद्रोओर स्कूलों  में कॄमि नाशक गोली एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी । 

 कृमि मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खाते हैं । गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे दस्त ,पेट में दर्द ,कमजोरी , उल्टी और भूख ना लगना । हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं । बच्चे में कृमि की मात्रा जितना अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होंगे । कृमि संक्रमण का संचालन चक्र  - संक्रमित बच्चे के शौच में कृमि के अंडे होते हैं, खुले में शौच करने से यह अंडे मिट्टी में मिल जाते हैं और विकसित होते हैं। अन्य बच्चे नंगे पैर चलने से गंदे हाथों से खाना खाने से या फिर बिना ढका हुआ भोजन खाने से लारवा के संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं। संक्रमित बच्चों में कमी के अंडे वाला रहते हैं जो बच्चे के स्वास्थ्य को हानि पहचाते हैं । कृमि के दुष्प्रभाव -  शारीरिक व मानसिक विकास में बाधक । कुपोषण ,एनीमिया, प्रतिरोधक क्षमता में कमी होने से संकमण। स्कूल उपस्थिति में कमी।कृमि संक्रमण- नियंत्रण एवं निवारण- नाखून साफ और छोटे रखें ,आसपास सफाई रखें, हमेशा साफ पानी पिए, खाने को ढक कर रखें ,साफ पानी से  फल व सब्जियां धोए ,अपने हाथ साबुन से धोएं, विशेषकर खाने से पहले और शौच के बाद । खुले में शौच ना करें । हमेशा शौचालय का प्रयोग करें । जूते पहने । कृमि संक्रमण  नियंत्रण निवारण हेतु -  एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन सुरक्षित और लाभकारी है। कृमि नाशन के लाभ - समुदाय में कृमि की व्यापकता में कमी , स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि ,एनीमिया का नियंत्रण ,सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार ,व्यस्क होने पर काम करने की क्षमता और आय में बढ़ोतरी।  अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से कृमि मुक्ति के साथ स्कूलों में अनुपस्थिति 25% कम हो जाती है। कार्यक्रम से प्रदेश में कर्मी संक्रमण की दर में कमी हुई है अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से कृमि मुक्ति के साथ स्कूलों में अनुपस्थिति 25% कम हो जाती है। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का संक्षिप्त विवरण - राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 13 सितंबर 2022  एवं माप-अप दिवस 16 सितंबर 2022 छूटे हुए बच्चों का कृमि नाशन। हितग्राही समूह - 1 वर्ष से 19 वर्ष के सभी बच्चे किशोर , किशोरियों  है।उद्देश्य - बच्चों किशोर ,किशोरियों का कृमि  नाशन कर मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम ,स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर वृद्धि करना  । एल्बेंडाजोल गोली 400 मिलीग्राम की उम्र अनुसार खुराक। -

 1 से 2 साल के बच्चों को आधी गोली दवाई को दो चम्मच के बीच में रखकर पूरी तरह चुरा करें और साफ पीने के पानी में मिलाकर खिलाएं । 2 से 3 साल के बच्चों को एक पूरी गोली को दो चम्मच के बीच में रखकर पूरी तरह चुरा करें और साफ पानी पीने के पानी में मिलाकर ही खिलाएं।

 3 वर्ष से 19 साल के बच्चों को दवाई अच्छी तरह से चबाकरके   खिलाएं ।बिना चबाकर दवाई लेना कम प्रभावशाली होता है ।  बीमार बच्चों को बीमारी ठीक होने के उपरांत एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन करवाएं । प्रत्येक सेक्टर स्तर पर सेक्टर मेडिकल ऑफिसर किसी प्रकार की होने वाली प्रतिकूल प्रभाव के लिए नियुक्त किए गए हैं । आज प्रशिक्षण के दौरान सभी उपस्थित  नोडल शिक्षकों को एल्बेंडाजोल की गोली बच्चों की संख्या अनुसार दी गई।। प्रतिकूल प्रभाव हेतु  मेडिसिन कीट एवं रिपोर्टिंग प्रपत्र दिए गए । प्रशिक्षण में शिक्षा विभाग से बीआरसी श्री ईश्वर लाल शर्मा , स्वास्थ्य विभाग से बीईई रामचरण भॅवरासिया, बीपीएम पवन रायकवार, बीसीएम मधुसूदन ददरवाल आदि उपस्थित थे। प्रशिक्षण में समस्त आशा सुपरवाइजर डाटा एंट्री ऑपरेटर अनिल परमार , सुरेश कटारिया ,ईश्वर सिंह, हरिओम,  विकास ,  संतोष चौहान , अर्जुन , श्रीकांत जैन ,करण आदि का सराहनीय योगदान रहा । उपरोक्त जानकारी बीईई रामचरण भॅवरासिया  द्वारा दी गई।