प्रशासन ने पहले हिंदू मान्यताओं का उड़ाया मखोल जब मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो प्रशासन बगले झांकने लगा

मीडिया की सुर्खी बना तीन इमली बाबा नाट्यकर्म

प्रशासन ने पहले हिंदू मान्यताओं का उड़ाया मखोल जब मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो प्रशासन बगले झांकने लगा
नाट्यकर्म की प्रस्तुति

प्रशासन ने पहले हिंदू मान्यताओं का उड़ाया मखोल जब मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो प्रशासन बगले झांकने लगा

तराना। पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य आयोजन में  सनातन हिंदू मान्यताओं में होने वाली जात्राओं का मखौल उड़ाया गया और फिर रविदास जयंती पर शासन प्रशासन द्वारा नगर में परिषद माध्यम से भाजपा शासन में हूवे विकास कार्यों को लेकर निकाली गई विकास यात्रा में  प्रशासन ने अनावश्यक रूप से नाटक का मंचन कराकर सनातन  हिंदू व्यवस्था में होने वाली जात्राओं का मखोल उड़ाया और भाजपा की विकास यात्रा के खाते में इमली वाले बाबा नाटक का कलंक भी माथे लगा क्योंकि प्रशासन ने ठाना है योजनाओं का प्रचार प्रसार हिंदू मान्यताओं की खिल्ली उड़ा कर ही करवाना है क्योंकि ताली भी यही बजाएंगे उपहास का पात्र भी बन जाएंगे समाज से नाता नहीं जोड़ पाएंगे विरोध भी नहीं कर पाएंगे फिर भी सनातनी कहलायेंगे।  अब  समाचार पत्रों में मामला उछलने के बाद प्रशासन बगले झांकने लगा है प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मखोल उड़ाने का कोई उद्देश्य नहीं था हम भी हिंदू धर्म को मानने वाले हैं केवल अंत्योदय कार्ड के प्रचार-प्रसार के लिए लोगों को निशुल्क इलाज मिल सके इसके लिए हम चाह रहे थे कि नाटक हो इसलिए प्रस्तुतीकरण कराया ऐसा कोई दिमाग में भी नहीं था कि ऐसा हो जाएगा।

लेकिन प्रशासन को अब कौन समझाए की मजाक तो उड़ गया ना ? प्रशासन के पास में आयुष्मान कार्ड के प्रचार- प्रसार के लिए केवल एक ही चौकड़ी है क्या दूसरा कोई तरीका नहीं था जिससे वह आयुष्मान कार्ड का प्रचार-प्रसार भी कर सके और लोग उससे प्रभावित होकर आयुष्मान कार्ड बनाकर उसका लाभ ले सके।

रही बात सीएम राइस विद्यालय के प्राचार्य दिग्विजयसिंह चौहान की तो उनका कहना है कि  नाटक में ऐसा कुछ भी नहीं था लेकिन महोदय को कौन समझाए की ? नाटक से परेशानी नहीं लेकिन नाटक में एक पात्र का जात्रा करने वाले पात्र के रूप में अभिनय कराकर  जात्रा कराना और फिर उसकी बात असत्य होती है ऐसा लोग के बीच प्रमाणित कराना हिंदू व्यवस्थाओं में होने वाली जात्राओं का मखौल उड़ाना ही तो हुआ।  जिससे कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची क्योंकि कई स्थानों पर जात्राएं होती है उसमें से तराना नगर में तेजा दशमी पर लोध में देवनारायण भगवान का मंदिर ,गोठड़ा वाली माताजी सहित अन्य अनेक स्थानों पर जात्राएं होती है और उनकी कई बातें सत्य होती हैं उन लोगों के आस्था के केंद्र हैं विज्ञान का भी मानना है कि जब विज्ञान तंत्र फेल हो जाता है तब ईश्वरीय शक्तियां ही काम आती है तो बताओ फिर अंधविश्वास कैसे हुआ ? पर प्राचार्य महोदय को विश्वास है हिंदू मान्यताओं की खिल्ली उड़ा कर ही दूर होगा अंधविश्वास 


इनका कहना -
ऐसा कोई मजाक उड़ाने का उद्देश्य नहीं था और भविष्य में ना कभी रहेगा। मैं भी हिंदू धर्म को मानती हूं केवल अंत्योदय कार्ड के प्रचार प्रसार के लिए लोगों को निशुल्क इलाज मिल सके इसलिए हम चाह रहे थे कि नाटक हो इसीलिए प्रस्तुतीकरण कराया गया ऐसा कोई दिमाग में भी नहीं था कि ऐसा हो जाएगा -
एकता जायसवाल अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तराना