गिट्टी माफिया की मनमानी किसान परेशान जमीन हड़पने का प्रयास,किसानों ने कार्यवाही को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सोपा।
गिट्टी माफिया की मनमानी किसान परेशान घट्टीया तहसील के गांव डाबरी में सन 2002 में कृषि भूमि के लिए पट्टे दिए मगर भू अभिलेख में दर्ज नहीं
हा हम बात कर रहेहै घट्टीया तहसील के गांव डाबरी की जहा संन 1990 में बलडे की जमीन जमीन को करीब 28 किसानों ने खेती करने काबिल कर और मेहनत करके खेती करने के उपजाव बनाया आज भी किसान खेती करके अपने बच्चों का पालन पोषण कर रहे हैं खेती में आलू लहसुन प्याज गेहूं चना की फसल पैदा कर रहे हैं वह आज तक खेती करते आ रहे हैं मगर आज गिट्टी खनन करने वालों ने वहा कब्जा कर रहे हैं सभी किसानों ने बताया कि हमे हमारे कब्जे के आधार पर सरकार द्वारा 2002 में हमें पट्टे दिए थे हमारी जमीन की पावती पट्टे व खसरा नकल बना कर दी वह सभी हमारे पास मौजूद है पर वह हमारी जमीन हमारे कब्जे में हैं हमने अपने स्तर पर ट्यूबवेल कुआं आदि कर हमने हमारी जमीन को सिंचित बना कर रखा है मगर कुछ दिन पहले गिट्टी खनन करने वालों ने हमारी जमीन पर कब्जा कर बाउंड्री कर दी वह मकान भी बना रहे हैं हमने पूछा कि हमारी जमीन पर आप लोग क्यों कब्जा कर रहे हो तो खनन माफियाओं ने कहां की तुम्हारी कोई जमीन नहीं है और यहां से सब को बेदखल कर देंगे हम लोग सभी किसान खड़ी फसल नाम छोड़कर कलेक्टर साहब एसडीएम साहब तहसीलदार साहब एसपी साहब वह घट्टीया थाने में आवेदन दिया मगर हमारी कोई सुनने को तैयार नहीं हमारी सरकार के होते हुए हम किसान परेशान हो रहे हैं अब हम कहां जाएं किसानों ने बताया कि हम करीब 30 वर्षों से ज्यादा हम समय से खेती करते आ रहे हैं उसके बावजूद हम पर यह पाहट टूटा तहसील कार्यालय में हम सभी 28 किसानों के नाम भी दर्ज है पट्टा पावती भी हमारे पास मौजूद है खसरा नकल होने के बावजूद भी भु अभिलेख मात्र 4 किसानों के नाम दर्ज हैं बाकी किसानों केनाम से आज तक तहसील मे नाम से दर्ज नही पर हमारे साथ ऐसा क्यों हुआ हमारी समझ से परे है अब गिट्टी खनन वालों के चक्कर में हम सभी किसानों को किस आधार पर बेदखल कर रहे हैं जबकि हमारे पास कोई सूचना भी नहीं गिट्टी खनन करने वाले हमारी जमीन पर आकर कब्जा कर रहे हैं जब हमें मालूम पड़ा हमारी रोजी-रोटी छीन रहे हैं पूर्व में महिला सरपंच एवं पटवारी द्वारा गिट्टी खनन वालों को सहमति दी गई है किस आधार पर जबकि पूर्व सरपंच बिहारी है इन लोगों ने जानते हुए भी कि 28 लोगों के पास कब्जे हैं वह खेती कर रहे हैं फिर भी इन लोगों ने सहमति दी अब हम सभी किसान तहसीलदार महोदय के ऊपर आस लगाकर बैठे हैं।
इनका कहना
आवेदन के द्वारा ज्ञात हुआ है और मैं इसकी अपनी निगरानी में जांच करवाऊंगी किसानों के साथ अत्याचार नहीं होगा--देवकुंवर सोलंकी तहसीलदार।