बाबा महाकाल को बंधी सबसे पहली राखी, सवा लाख लड्डूओ का लगा भोग

बाबा महाकाल को बंधी सबसे पहली राखी, सवा लाख लड्डूओ का लगा भोग
  • महाकाल मन्दिर में लगा भक्तो का ताँता,
  • बाबा महाकाल को बंधी सबसे पहली राखी,
  • सवा लाख लड्डूओ का लगा भोग ,

उज्जैन । धर्म नगरी  उज्जैन में रक्षा बंधन  त्यौहार  धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे अहम माने जाने वाले बाबा महाकाल के दरबार में आज सुबह तीन बजे भस्मारती के दौरान बाबा  को विशेष राखी  बांधी गई और सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। ऐसी मान्यता है की बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी बांधी जाती है। 
 

महाकालेश्वर मंदिर में  बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया जिसमे दूध,दही ,घी ,शहद व फलो के रसो से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराये गए। इसके बाद बाबा को भस्म चढाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्मार्ती की गई। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते हे इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहोल हे। भस्म आरती के बाद बैंड द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी गई जिसकी धुन पर श्रद्धालु नास्तिक आती दिखाई दिए।

आज रक्षाबंधन पर्व पर बाबा महाकाल को विशेष राखी बांधी गई। मान्यता है कि महाकाल की नगरी उज्जैन में हर शुभ कार्य की शुरुआत बाबा महाकाल के दरबार से होती है।  सुबह भस्मारती में श्रृंगार के बाद बाबा को राखी बांधी गई |  इस मौके पर बाबा  के दरबार में सवा लाख लुड्डुओं का महाभोग लगाया गया। इस भव्य भस्म श्रंगार और भोग के साथ महाआरती की गई। रक्षाबंधन की भस्मारती पर बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दरबार में मौजूद थे। सदियों से चली आ रही परंपरा के तहत बाबा महाकाल के दरबार में  पण्डे पुजारियों द्वारा सबसे पहले राखी बांधकर विश्व कल्याण और रक्षा की कामना की गई। 

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