महिला सब-इंजीनियर को रात में घर बुलाने का दबाव, कार्यपालन यंत्री के ऑडियो वायरल
नगर निगम उज्जैन के कार्यपालन यंत्री का ऑडियो वायरल, महिला सब-इंजीनियर को रात में घर बुलाने का दबाव। मामला विशाखा समिति को सौंपा गया।
उज्जैन नगर निगम में एक कार्यपालन यंत्री का ऑडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। वायरल ऑडियो में अधिकारी पर महिला सब-इंजीनियर को देर रात घर बुलाने का दबाव बनाने का आरोप है। निगमायुक्त को इस मामले की शिकायत मिलने के बाद मामला विशाखा समिति को भेज दिया गया है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
तीन दिन से वायरल हो रहे ऑडियो और चैट
सूत्रों के मुताबिक, यह मामला उस वक्त सामने आया जब नगर निगम के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में तीन दिन पहले ऑडियो और चैट वायरल होने लगे। यह ग्रुप कार्यालयीन कामकाज के लिए बनाया गया था, लेकिन इसमें लगातार ऑडियो लीक हो रहे थे।
वायरल ऑडियो में कार्यपालन यंत्री और महिला सब-इंजीनियर के बीच बातचीत में रात में घर बुलाने का दबाव, आपत्तिजनक व्यवहार और महिला की असहमति साफ सुनाई दे रही है।
ऑडियो का विवरण:
🔹 ऑडियो-1 (45 सेकंड)
ऑडियो में कार्यपालन यंत्री महिला सब-इंजीनियर से कहते हैं – “हाँ बताओ… कम्फर्टेबल हो?” सब-इंजीनियर असमंजस में कहती हैं – “समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्या हो रहा है।” यंत्री बातचीत करने का दबाव बनाते हैं, लेकिन सब-इंजीनियर असहमति जताते हुए कहती हैं कि वे बस में हैं और फिलहाल बात नहीं कर सकतीं।
🔹 ऑडियो-2 (1.24 मिनट)
इस ऑडियो में महिला सब-इंजीनियर का एक सहकर्मी उन्हें बताता है कि साहब ने साइन के लिए उन्हें रात 9 बजे घर बुलाया है। सब-इंजीनियर मना करते हुए कहती हैं – “इस समय घर नहीं आ पाऊंगी। अगर फाइल अर्जेंट है, तो किसी होटल में बुला लेते। रात को घर बुलाना सही नहीं है।” वह अधिकारी के व्यवहार को अस्वीकार्य बताते हुए नाराजगी जाहिर करती हैं।
🔹 ऑडियो-3 (1.23 मिनट)
तीसरे ऑडियो में एक अन्य सहकर्मी महिला सब-इंजीनियर को बताता है कि कार्यपालन यंत्री सभी को घर बुला रहे हैं। महिला पूछती हैं कि कौन-कौन मौजूद रहेगा, जिस पर सहकर्मी भरोसा दिलाता है कि सभी रहेंगे। इसके बावजूद महिला घर जाने से इंकार करती हैं और फाइल कहीं और लाकर साइन करने की पेशकश करती हैं।
विशाखा समिति को भेजा गया मामला
शिकायत मिलने के बाद नगर निगम के आयुक्त आशीष पाठक ने इस मामले को विशाखा समिति को जांच के लिए सौंप दिया है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है विशाखा समिति?
गौरतलब है कि महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 1997 में विशाखा समिति गठित करने का आदेश दिया था। समिति में पीठासीन अधिकारी महिला होती है और आवश्यकतानुसार एनजीओ को भी शामिल किया जाता है। समिति जांच के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है, जिसके आधार पर कार्रवाई होती है।
अतीत में भी विवादों में रहे यंत्री
यह पहला मामला नहीं है जब संबंधित कार्यपालन यंत्री विवादों में आए हैं। सिंहस्थ 2016 के दौरान रुद्रसागर गहरीकरण और अन्य परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप उन पर लगे थे। हालांकि, ऊपर तक मजबूत संपर्क होने के चलते वे हर बार कार्रवाई से बचते रहे।
“शिकायत मिलने के बाद मामला विशाखा समिति को भेज दिया गया है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
— आशीष पाठक, आयुक्त, नगर निगम उज्जैन
सेंट्रल वॉइस न्यूज वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।